मोदी का नोटबंदी पर बड़ा बयान, कालाधन आया चलन में, बढ़ गया राजस्व

नोटबंदी के फैसले को लेकर लगातार विपक्ष की आलोचना का सामना कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जवाब देने के लिए खुद मोर्चा संभाला। सोशल मीडिया पर उन्होंने कुछ ग्राफिक साझा करते हुए दावा किया कि चार साल पहले नोटबंदी का जो फैसला किया गया वह पूरी तरह ठीक था।

Update: 2020-11-08 14:10 GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के चार साल पूरे होने पर कहा है कि नोटबंदी की वजह से ही देश में मौजूद कालाधन बाहर आ सका है।

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के चार साल पूरे होने पर कहा है कि नोटबंदी की वजह से ही देश में मौजूद कालाधन बाहर आ सका है। कालाधन अब लोगों की गुप्त तिजोरी से बाहर निकलकर अर्थव्यवस्था के चलन में आया है। इसका प्रमाण बढ़ा हुआ राजस्व है।

नोटबंदी के फैसले को लेकर लगातार विपक्ष की आलोचना का सामना कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जवाब देने के लिए खुद मोर्चा संभाला। सोशल मीडिया पर उन्होंने कुछ ग्राफिक साझा करते हुए दावा किया कि चार साल पहले नोटबंदी का जो फैसला किया गया वह पूरी तरह ठीक था। इससे देश में छुपे कालेधन को बाहर निकालने में मदद मिली है। देश के अंदर का कालाधन निकलकर बाहर आया है और अर्थव्यवस्था का हिस्सा बना है।

''देश की अर्थ व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ी''

इस वजह से देश की अर्थ व्यवस्था का आकार बड़ा हुआ है। कुल सकल उत्पाद बढ़ा और सरकार को मिलने वाले राजस्व में भी वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी करने से देश में जमा होने वाले कर की राशि में भी इजाफ हुआ है। इससे काले धन को कम करने में भी मदद मिली है। देश की अर्थ व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ी है।

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नोटबंदी की वजह से ही देश में कर वृद्धि में अनुरूपता देखने को मिल रही है और आर्थिक काम-काज में वैध मुद्रा का व्यवहार बढ़ा है। इससे लेन-देन व कारोबार में पारदर्शिता आई है। इससे देश की प्रगति का पहिया तेज हुआ है और इसके परिणाम अत्यंत लाभकारी रहे हैं।

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''राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूती मिली''

प्रधानमंत्री ने अपनी टवीट के साथ एक ग्राफिक भी साझा किया है जिसमें नोटबंदी के बाद देश की अर्थ व्यवस्था में दर्ज किए गए बदलावों को प्रदर्शित किया गया है। इस ग्राफिक से यह भी पता चलता है कि किस तरह से देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं और सरकार के राजस्व में भी वृद्धि हुई है। इस ग्राफिक में भारत की बढ़ती जीडीपी के साथ ही अपेक्षाकृत कम नकदी आधारित अर्थव्यवस्था बनने की जानकारी दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूती मिली है और देश का आधार दृढ़ हुआ है।

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गौरतलब है कि चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 की आधी रात से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी, जो उस समय चलन में थे। इसकी आलोचना कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज भी की है और कहा है कि देश में आर्थिक समस्याओं की जड़ में नोटबंदी है।

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