अब नौकरी करना आसान नहीं! मोदी सरकार लाई ये प्रस्ताव, आखिर क्या होगा?

आने वाले दिनो में लेबर यूनियनों का हड़ताल पर जाना मुश्किल हो सकता है। अब कंपनियों के लिए कर्मचारियों  की छंटनी की प्रक्रिया आसान होने वाली है। मोदी सरकार 27 नवंबर को लोकसभा में लेबर कोड पेश करने वाली है। इसके अनुसार नए लेबर कोड में किसी भी कर्मचारी को तय अवधि की समाप्ति के बाद उसे छंटनी का हिस्सा नहीं माना जाएगा।

Update: 2019-11-27 04:22 GMT

नई दिल्ली: आने वाले दिनो में लेबर यूनियनों का हड़ताल पर जाना मुश्किल हो सकता है। अब कंपनियों के लिए कर्मचारियों की छंटनी की प्रक्रिया आसान होने वाली है। मोदी सरकार 27 नवंबर को लोकसभा में लेबर कोड पेश करने वाली है। इसके अनुसार नए लेबर कोड में किसी भी कर्मचारी को तय अवधि की समाप्ति के बाद उसे छंटनी का हिस्सा नहीं माना जाएगा।

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इस प्रस्ताव के अनुसार ट्रेड यूनियन को तभी माना जाएगा, जब उसके पास वहां के 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी का साथ मिल रहा है। इससे पहले इसका 66 प्रतिशत था जो अब बढ़ाकर 75 कर दिया गया है। इस प्रस्ताव में कैजुअल लीव को हड़ताल माना गया है। इसकी जानकारी 14 दिन पहले दी जानी होगी। नए प्रस्ताव में इंपलामेंट सियोरिटी में रखा गया है।

 

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इस प्रस्ताव के जरिए कर्मचारियों की नियुक्ति और उन्हें हटाने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने इसे 20 नवंबर को संसद में लाने की मंजूरी दी थी। इस प्रस्ताव का उद्देश सरकार द्वारा श्रमिक अधिनियमों को आसान बनाना है। यह प्रस्ताव उस फैसले का विस्तार है जिसमें 44 कानूनों को 4 कोड में बदलने का श्रम विभाग ने फैसला लिया था।

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