PMO की इमरजेंसी मीटिंग: कोरोना के बढ़ते खतरे पर चर्चा, हो सकता है बड़ा एलान

कुछ राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार बेहद गंभीर हैं। इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोरोना वायरस पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।

Update: 2021-02-23 13:39 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस लगभग नियंत्रित हो चुका था, लोग अपने पुराने जीवन की ओर लौटने लगे थे लेकिन संक्रमण के दोबारा प्रसार और कुछ राज्यों में मामले बढ़ने के बाद प्रदेश सरकारें एक्टिव हो गयीं। वहीं केंद्र भी इसे लेकर गंभीर हैं। इस बाबत मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोरोना वायरस को लेकर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुलाई आपात बैठक

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर जानकारी दी कि फ़िलहाल संक्रमण के एक्टिव मामले 1 लाख 50 हजार से कम हैं लेकिन कुछ राज्यों में दोबारा संक्रमण की संख्या बढ़ने लगी है, जो चिंताजनक हैं। इन राज्यों में महाराष्ट्र से लेकर केरल-पंजाब का नाम शामिल हैं। मात्र केरल में एक दिन में देश के 38 प्रतिशत संक्रमित मामले हैं तो वहीं महाराष्ट्र में 37 फीसदी कोरोना केस सामने आ रहे हैं। वर्तमान में प्रतिदिन मरने वालों की संख्या सौ से कम है।

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कई राज्यों में रोजाना बढ़ रहे कोरोना के मामलें

प्रदेशों में प्रतिदिन कोरोना मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना टेस्ट से लेकर सैम्पलिंग तक सरकार तेजी से काम कर रही हैं। अब तक देश में 21 करोड़ से अधिक कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक 1,17,54,788 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है।

देश में कोरोना का आंकड़ा, नया स्ट्रेन ज्यादा संक्रमित

वैक्सीनेशन को लेकर बता दें कि देश में दो तरह के वैक्सीनेशन हो रहे हैं, फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स। जिसमें 10,000 से अधिक अस्पतालों का इस्तेमाल हो रहा है। इन अस्पतालों में 2,000 प्राइवेट अस्पताल हैं।

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गौरतलब है कि भारत में कोरोना रिकवरी दर 95.99 फीसदी हो गई है लेकिन वायरस के नए स्ट्रेन ने नई चिंता पैदा कर दी है। लोगों को नए स्ट्रेन के लक्षण जान लेने चाहिए क्योंकि ये पुराने कोरोना के लक्षण से थोडा अलग हैं। शुरुआती दौर में कोरोना के जो लक्षण थे उनमें बुखार आना, लगातार खांसी होना और स्वाद के साथ-साथ गंध खोने की शिकायत शामिल थे। लेकिन कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण इससे अलग हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि नए स्ट्रेन की उत्पत्ति कोरोना में म्यूटेशन की वजह से हुई है।

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