नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में महाघोटाला के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पिछले साल नवंबर में ही भागने की योजना बना चुके थे। इअका कारण मुंबई के जिस ब्रैडी हाउस शाखा से इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था, वहां इन दोनों आरोपियों से मिले हुए अधिकारियों की जगह नए अधिकारी आ गए थे। नए अधिकारियों ने इस मामा-भांजे की कंपनियों को दिए जा रहे एलओयू पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे।
'इंडियन एक्सप्रेस; की खबर की मानें, तो जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, कि 'पिछले साल नवंबर महीने में जब पीएनबी के ब्रैडी हाउस शाखा में कुछ बदलाव हुए तो नए कर्मचारियों ने फर्जी लेन-देन से इंकार कर दिया। तभी आरोपियों ने देश छोड़ने का मन बना लिया। अखबार के अनुसार, कंपनी के दो वरिष्ठ कर्मचारी जिनके कहने से एलओयू जारी हो रहे थे, वे नवंबर में भी भाग चुके हैं और संभवत: दुबई में हैं।
बताया जा रहा है कि नीरव मोदी संभवत: 1 जनवरी को ही अपने भाई निशल मोदी (बेल्जियम का नागरिक) के साथ अमेरिका के लिए निकल चुका था। लेकिन उसकी पत्नी एमी जो कि अमेरिकी नागरिक हैं, 6 जनवरी को देश से बाहर गईं। वहीं, मेहुल चोकसी ने भी उसी हफ्ते शायद 6 जनवरी को देश छोड़ा था। एक अधिकारी ने बताया, 'हमारे पास जो रिकॉर्ड हैं, उनके मुताबिक नीरव मोदी और उसकी पत्नी अमेरिका गए हैं।'
सीबीआई ने कम से कम पांच अन्य बैंकों एक्सिस बैंक, इलाहाबाद बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि वे यह जानकारी साझा करें कि उनकी इंटरनेशनल डिवीजन से मोदी और चोकसी समूह की कंपनियों को कितना कर्ज दिया गया।