हिल उठा झारखंड: पुलिस-उग्रवादियों में भयानक गोलीबारी, जवानों को मिली कामयाबी
उग्रवादी संगठन लगातार अपना दायरा बढ़ाते जा रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि, राजधानी रांची भी अब उग्रवादियों की पहुंच से दूर नहीं रह गई है।
रांची: झारखंड के लातेहार ज़िला के चंदवा थाना क्षेत्र में पुलिस और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई है। उग्रवादी संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी और सीआरपीएफ एवं ज़िला पुलिस के बीच मुठभेड़ में एक उग्रवादी मारा गया है। उग्रवादी की पहचान प्रदीप यादव के रूप में हुई है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। घटना स्थल से AK47 बरामद किया गया है। दरअसल, लातेहार एसपी प्रशांत आनंद को मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने सेरक निंद्रा जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी दौरान उग्रवादियों की तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस के जवानों ने भी मोर्चा संभाला और एक उग्रवादी मारा गया।
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राजधानी तक उग्रवादियों की पहुंच
उग्रवादी संगठन लगातार अपना दायरा बढ़ाते जा रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि, राजधानी रांची भी अब उग्रवादियों की पहुंच से दूर नहीं रह गई है। बीते दिनों ही उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति ज़ोनल कमेटी के नाम से की गई पोस्टरबाज़ी से पुलिस में हड़कंप मच गया है। राजभवन और मुख्यमंत्री आवास से महज कुछ क़दमों की दूरी पर गई इस पोस्टरबाज़ी ने झारखंड पुलिस की चौकसी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, रांची के सिटी एसपी सौरभ कुमार इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं कि, पोस्टरबाज़ी के पीछे उग्रवादी संगठनों का हाथ है। उन्होने कहा कि, बिना किसी जांच के उग्रवादियों के नाम पर मुहर लगा देना जल्दबाज़ी होगी।
इनाम राशि के भरोसे पुलिस
झारखंड पुलिस उग्रवादियों, नक्सलियों पर इनाम राशि की घोषणा कर चुपचाप बैठ जा रही है। पहले पीएलएफआई और बाद में नक्सलियों पर इनाम राशि की घोषणा कर पुलिस ने अपना काम तमाम समझ लिया है। पुलिस मुख्यालय ने 04 नक्सलियों पर एक-एक करोड़ के इनाम की घोषणा की है। इसी तरह पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के सरगना दिनेश गोप पर भी 25 लाख रुपए इनाम रखा गया है। पिछले दिनों ही मुख्यालय की ओर से इस बाबत इश्तेहार जारी किए गए हैं। पुलिस को उम्मीद है कि, इनाम राशि की घोषणा के बाद पुलिस को नक्सलियों, उग्रवादियों के बारे में पुख्ता जानकारी मिलेगी। हालांकि, अबतक ऐसा हुआ नहीं है।
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झारखंड नक्सल प्रभावित राज्य
झारखंड में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन नक्सल और उग्रवाद की समस्या से राज्य को निजात नहीं मिल सकी। वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार के सामने भी नक्सल और उग्रवादी गतिविधि एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आज भी राज्य के 24 में से ज्यादातर ज़िले नक्सल प्रभावित हैं। राज्य में भाकपा माओवादी के अलावा PLFI, तृतीय प्रस्तुति कमेटी यानी TPC और झारखंड जनमुक्ति परिषद यानी JJMP के उग्रवादी-नक्सली संगठन सक्रिय हैं। खास बात ये है कि, नक्सली-उग्रवादी जंगलों से निकल कर अब शहरों की तरफ रुख़ कर रहे हैं जिससे निपटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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