Politic: प्रह्लाद जोशी का कांग्रेस पर बड़ा हमला, बोले-राहुल गांधी की वजह से नहीं चला सदन, उन्हीं के इशारे पर विपक्ष कर रहा प्रदर्शन

Politic: संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन न चलने का ठिकरा राहुल गांधी पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने कहा था कि वे सदन में मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं। मैंने तुरंत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह से बात की और हम मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हो गए, लेकिन फिर विपक्ष ने अचानक से कह दिया कि इस मामले पर वे प्रधानमंत्री का बयान चाहते हैं।

Update: 2023-12-22 13:39 GMT

Pralhad Joshi and Rahul Gandhi (Pic: Newstrack)

Politic: संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां विपक्ष इस मामले में केंद्र को घेरने की पूरी कोशिश कर रहा है तो वहीं केंद्र भी विपक्ष पर लगातार हमलावर है। ऐसे में संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी संसद का सत्र न चलने का ठिकरा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर फोड़ा है। उनका कहना है कि सरकार चाहती थी कि सभी बिलों पर सदन में चर्चा हो लेकिन कांग्रेस और विपक्ष की नीयत ऐसी नहीं थी। यही समस्या है। जब उन्होंने ये फैसला कर लिया कि वे सदन में किसी भी चर्चा में शामिल नहीं होंगे तो ऐसे में सरकार के पास क्या विकल्प रह जाता?

विपक्ष नहीं चाहता कि सदन चले

देश की बड़ी वीकली मैगजिन के साथ इंटरव्यू में प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने कहा था कि वे सदन में मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं। मैंने तुरंत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह से बात की। हम मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हो गए, लेकिन फिर विपक्ष ने अचानक से कह दिया कि इस मामले पर वे प्रधानमंत्री का बयान चाहते हैं। विपक्ष नहीं चाहता कि संसदीय नियमों से सदन चले। उन्होंने कहा कि सोए हुए को जगाना आसान है, लेकिन जो सोने का नाटक कर रहा हो, उसे नहीं जगाया जा सकता।

यह पूछने पर कि विपक्ष गृहमंत्री से केवल एक बयान चाहता था। अगर गृहमंत्री बयान दे देते तो संसद की कार्यवाही आसानी से हो जाती। इस पर प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जिस दिन संसद की सुरक्षा में सेंधमारी का मामला सामने आया। उसी दिन संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद हमने आश्वासन दिया था कि एक बार मामले की विस्तृत जानकारी सामने आने दीजिए, सरकार इस पर बयान भी देगी और जांच भी होगी लेकिन इसके बावजूद भी विपक्षी पार्टियों ने संसद की कार्यवाही बाधित करनी शुरू कर दी। हमने तो ये भी नहीं कहा कि हम इस पर बयान नहीं देंगे।

राहुल गांधी नहीं चाहते थे कि संसद चले

विपक्षी सांसद ये तय करके आए थे कि वे संसद चलने नहीं देंगे। दरअसल संसद की नई इमारत में पहले दिन की कार्यवाही सफलतापूर्वक होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई थी। बैठक में सभी पार्टियां मौजूद थी। बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि हम चाहते हैं कि संसद सुचारू ढंग से चले। उन्होंने आग्रह भी किया कि कोई भी संसद सदस्य सदन में प्लेकार्ड लेकर नहीं आएगा। संसद में प्लेकार्ड पर प्रतिबंध है। सभी ने इस पर सहमति भी जताई और यह भी कहा गया कि अगर कोई सदन में प्लेकार्ड लेकर आएगा तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। कहने का मतलब है कि सबकुछ सही चल रहा था और एक दिन अचानक आपको कहीं से निर्देश मिल गए और आपने संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के इशारे पर विपक्ष प्रदर्शन कर रहा है। वे नहीं चाहते थे कि संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चले।

विधानसभा चुनावों में हार से बौखलाया है विपक्ष

संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में मिली हार से बौखलाया हुआ है और उसने अपनी हार का बदला लेने के लिए सांसदों के सस्पेंशन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। वे चाहते ही नहीं थे कि संसद की कार्यवाही सही तरीके से चले। जोशी ने कहा कि ये आरोप लगाना कि इन तीन नए बिलों को बिना चर्चा के पारित किया गया। यह गलत है। इन बिलों पर छह घंटे तक चर्चा हुई थी, जिसके बाद इन्हें पारित किया गया।

देश ने गुजरात माॅडल को स्वीकार कर लिया है

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश ने अब गुजरात मॉडल को स्वीकार कर लिया है। लोकसभा चुनाव में दो बार की जीत इसका प्रमाण है और अब तीसरी बार भी ऐसा ही होगा।

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