Pravasi Bharatiya Divas 2023: कब और क्यों मनाते हैं 'प्रवासी भारतीय दिवस'? जानें इस दिन का इतिहास और महत्व

Pravasi Bharatiya Divas 2023: प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। इस दिन का इतिहास और महत्व क्या है? जानें इस बार थीम क्या रखा गया है।

Written By :  aman
Update: 2023-01-09 03:42 GMT

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Pravasi Bharatiya Divas 2023: प्रवासी भारतीय दिवस इस वर्ष मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में आयोजित हो रहा है। इंदौर में 8 से 10 जनवरी तक भव्य सम्मेलन आयोजित होने जा रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे। गौरतलब है कि, कोरोना महामारी की वजह से देश में चार साल बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इसलिए इस बार प्रवासी भारतीय दिवस महत्वपूर्ण होगा।

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में इस बार दुनियाभर की चमक-दमक दिखेगी। ग्लैमर से भरे इस आयोजन में देश-विदेश के नागरिक पहुंचेंगे। सम्मेलन को लेकर देश वासी और अप्रवासी भारतीय (NRI) दोनों ही खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि 'प्रवासी भारतीय दिवस' क्यों मनाया जाता है? इस दिन की शुरुआत कब और कैसे हुई थी?

जानें कब मनाते हैं प्रवासी भारतीय दिवस?

आपको बता दें, हर साल प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस पर होने वाला तीन दिवसीय सम्मेलन इंदौर में आयोजित किया जा रहा है। इस साल आयोजन की शुरुआत 8 जनवरी 2023 से हो रही है, जो 10 जनवरी को समापन के साथ संपन्न होगा।


कब हुई प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत?

प्रवासी भारतीय दिवस ( Pravasi Bharatiya Divas) मनाने की घोषणा भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने वर्ष 2002 में की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पहली बार इस तरह के आयोजन की बात की थी। बता दें, इस दिन का इतिहास में विशेष महत्व है। इसकी हिस्ट्री 1915 से जुड़ी है। स्व. लक्ष्मीमल सिंघवी (Laxmi Mall Singhvi) ने पहली बार 'प्रवासी भारतीय दिवस' मनाने की संकल्पना (Concept) की थी। उनकी अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्च समिति की सिफारिशों के अनुसार इस दिन को मनाने का फैसला लिया। वर्ष 2003 में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया।

9 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं दिवस?

अब सवाल उठता है कि, हर साल 9 जनवरी को ही प्रवासी भारतीय दिवस क्यों मनाया जाता है? दरअसल, भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की थी। यहां आने के बाद उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी। महात्मा गांधी को 'प्रवासी' माना जाता है। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका से लौटे महात्मा गांधी ने जब देश की आजादी में अपना योगदान दिया तो उनकी याद में 'प्रवासी भारतीय दिवस' मनाया जाने लगा।


प्रवासी भारतीय दिवस की 'थीम'

प्रवासी भारतीय दिवस की हर दो वर्ष पर एक विशेष 'थीम' होती है। इसी थीम पर ये खास दिन मनाया जाता है। ज्ञात हो कि, प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत के बाद से यानी 2003 से 2015 तक हर साल इस दिन को मनाया जाता था। हालांकि, 2015 में संशोधन के बाद हर दो साल में एक बार इसे मनाने का फैसला लिया गया। उस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस की थीम 'अपना भारत अपना गौरव' रखा गया है। प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की थीम 'प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार' है।

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