Presidential Election 2022: गोपाल कृष्ण गांधी नहीं बनेंगे उम्मीदवार, विपक्षी दलों का अनुरोध ठुकराया

विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को ठुकराते हुए गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा है कि मैं विपक्ष के नेताओं से अनुरोध करूंगा कि उन्हें किसी दूसरे उम्मीदवार की तलाश करनी चाहिए जो राष्ट्रपति पद पर मुझसे बेहतर साबित हो।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-06-20 11:05 GMT

Gopal Krishna Gandhi (Image: Social Media)

Presidential Election 2022: पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और महात्मा गांधी के पौत्र गोपाल कृष्ण गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। गोपाल कृष्ण गांधी का यह कदम विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एनसीपी मुखिया शरद पवार और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के बाद गोपाल कृष्ण गांधी तीसरे ऐसे शख्स हैं जिन्होंने विपक्ष का उम्मीदवार बनने से मना कर दिया है। 

विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को ठुकराते हुए गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा है कि मैं विपक्ष के नेताओं से अनुरोध करूंगा कि उन्हें किसी दूसरे उम्मीदवार की तलाश करनी चाहिए जो राष्ट्रपति पद पर मुझसे बेहतर साबित हो। पवार और डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के इनकार के बाद विपक्षी नेताओं को गोपाल कृष्ण गांधी से काफी उम्मीदें थीं मगर विपक्ष का यह वार भी खाली चला गया है। अब सबकी निगाहें एनसीपी के मुखिया शरद पवार की ओर से कल बुलाई गई बैठक पर टिकी हैं।

गांधी के कदम से विपक्ष को लगा झटका 

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का नाम विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में शुरुआत से ही चर्चा में था। विपक्षी दलों के नेताओं ने गोपाल कृष्ण गांधी से फोन पर बातचीत करके उनसे उम्मीदवार बनने का अनुरोध किया था। गोपाल कृष्ण गांधी 2017 में वेंकैया नायडू के खिलाफ उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इस दौरान गांधी को हार का सामना करना पड़ा था। गांधी 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे हैं। उन्होंने श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया है।

विपक्षी नेताओं के उम्मीदवार बनने वाले अनुरोध पर गोपाल कृष्ण गांधी ने विचार के लिए कुछ समय मांगा था मगर अब उन्होंने उम्मीदवार बनने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। उनका यह फैसला विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्होंने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए उनके नाम पर विचार के लिए विपक्ष के नेताओं के प्रति आभार जताया मगर साथ ही उनका अनुरोध भी ठुकरा दिया।

पवार और अब्दुल्ला भी तैयार नहीं 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करना विपक्ष के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से दिल्ली में बुलाई गई बैठक में शरद पवार के नाम पर सहमति बनी थी मगर पवार ने विपक्ष का यह अनुरोध ठुकरा दिया। उनका कहना था कि वे अभी राजनीति में सक्रिय बने रहना चाहते हैं। जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति चुनावों में हार तय होने की वजह से पवार चुनावी अखाड़े में नहीं उतरना चाहते।

पवार के इनकार के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के नाम पर विचार हुआ था। वे भी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि वे अभी जम्मू-कश्मीर के लिए और काम करना चाहते हैं। इस वजह से वे राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इन दो बड़े चेहरों के इनकार के बाद विपक्ष के नेताओं को गोपाल कृष्ण गांधी से ही उम्मीदें थीं मगर वे भी उम्मीदवार बनने को तैयार नहीं है। ऐसे में विपक्ष के नेताओं को और किसी दूसरे चेहरे पर सर्वसम्मत राय कायम करनी होगी जो कि आसान काम नहीं है। 

अब पवार की बैठक पर निगाहें 

एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा करने के लिए कल दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। उनकी जगह टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। अब देखने वाली बात यह होगी कि पवार की इस बैठक में किसी चेहरे पर आम राय कायम हो पाती है या नहीं। 


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