Presidential Election: ममता झटका, विपक्षी दलों की बैठक से कन्नी काट गए उद्धव ठाकरे, येचुरी भी नहीं होंगे शामिल

Indian Presidential Election 2022 : भारत के नए राष्ट्रपति के लिए देश में 18 जुलाई को मतदान होगा। जिसको लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 15 जून को सभी विपक्षी दलों के साथ बैठक करेंगी।

Written By :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-06-12 08:59 GMT

Mamata Banerjee and Uddhav Thackeray (Image Credit : Social Media)

Presidential Election 2022: देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा की जा चुकी है। जिसके बाद से राजनीतिक दलों के बीच सरगर्मी बढ़ गई है। आयोग की ओर से घोषित कार्यक्रम के मुताबिक 18 जुलाई को मतदान होगा जबकि 21 जुलाई को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। विपक्ष की ओर से संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने विपक्षी दलों की एक अहम बैठक बुलाई है। मगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस बैठक में नहीं जाएंगे।

इस कारण से बैठक में नहीं शामिल होंगे उद्धव ठाकरे

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विपक्षी दलों के बुलाई गई मीटिंग में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शामिल नाम होने का कारण बताते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है सीएम ठाकरे अयोध्या दौरे पर जाने वाले हैं। ऐसे में शिवसेना का कोई दूसरा नेता इस बैठक में शामिल होगा।

विपक्ष के नेताओं को ममता ने लिखा पत्र

आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पक्ष की ओर से रणनीति बनाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल, तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत सीताराम येचुरी तथा विपक्ष के करीब दो दर्जन नेताओं को एक पत्र लिखा है। टीएमसी की ओर से दूसरे विपक्षी पार्टियों को भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी ताकतों को 15 जून को नई दिल्ली में बैठक करने के लिए बुलाया है।

ममता के कदम पर येचुरी का बयान

राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर ममता बनर्जी द्वारा बुलाए गए बैठक को लेकर बीते दिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने का ममता बनर्जी का यह एक तरफा प्रयास फायदा नहीं बल्कि नुकसान पहुंचाएगा। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही कि 15 जून को होने वाले विपक्षी दलों की बैठक में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी नदारद रह सकते हैं।

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