Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज, तेलंगाना सीएम KCR से मिले अखिलेश यादव

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है। उससे पहले जहां बीजेपी नए राष्ट्रपति उम्मीदवार की तलाश तेज कर दी है तो विपक्षी दल भी एकजुट होकर बीजेपी प्रत्याशी को चुनौती देने का खाका तैयार कर रहे हैं।

Update: 2022-05-21 11:45 GMT

Telangana CM KCR meets Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav in Delhi (Photo credit-social media)

Presidential Election 2022: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव शनिवार को राजधानी दिल्ली में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच कई विषय पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि ये मुलाकात जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई है। केसीआर दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए मोहल्ला क्लीनिक को भी देखने जाएंगे। ऐसे में केसीआर के दिल्ली दौरे को लेकर कहा जा रहा कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले बीजेपी विरोधी दल एकजुट होकर बीजेपी को चुनौती देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

25 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा कार्यकाल

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है। उससे पहले जहां बीजेपी नए राष्ट्रपति उम्मीदवार की तलाश तेज कर दी है तो विपक्षी दल भी एकजुट होकर बीजेपी प्रत्याशी को चुनौती देने का खाका तैयार कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों में अभी फूट दिखाई दे रही है। कांग्रेस के साथ अगर अन्य विपक्षी दल मिल जाएंगे तो मुकाबला कड़ा हो सकता है। लेकिन उससे पहले तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव का दिल्ली आना और अखिलेश यादव का उनसे मिलना फिर अरविंद केजरीवाल के साथ मुहल्ला क्लीनिक देखना एक बड़ा सियासी संदेश दे रहा है कि आने वाले दिनों में तीसरे मोर्चे भी चुनाव में दिखाई दे सकता है।

बहुमत के लिए चाहिए 546320 मत

राष्ट्रपति चुनाव की बात करें तो सबसे ज्यादा सांसद और विधायक के साथ बीजेपी सबसे मजबूत है। उसकी 17 राज्यों में सरकार है, भारत के राष्ट्रपति चुनाव के लिए बहुमत का आंकड़ा 5 लाख 46 हजार 320 है। बीजेपी के पास 4 लाख 65 हजार 797 वोट हैं और सहयोगी दल के पास 71 हजार 329 वोट हैं। इन दोनों आकड़ों को मिला दिया जाए तो एनडीए के पास 5 लाख 37 हजार 126 वोट हैं जो बहुत से 9 हजार 194 वोट कम हैं। इसलिए बीजेपी को दूसरे विपक्षी दलों के वोटों की जरुरत पड़ेगी। ऐसे में उनके साथ ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र के सीएम जगन मोहन रेड्डी की ओर देखना पड़ेगा। लेकिन अभी इन दोनों मुख्यमंत्री ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव?

राष्ट्रपति के चुनाव में आम जनता मतदान नहीं करती है। इसमें जनता द्वारा चुने हुए देशभर के सांसदों, विधायकों, राज्यसभा सांसदों को वोट देने का अधिकार होता है। इस चुनाव में विधानपरिषद के सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं होता है। राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते वक्त विधायक और सांसद अपने बैलेट पेपर पहले ही बता देते हैं। इसमें वो अपनी पहली पसंद, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद का जिक्र करते हैं। इसके बाद पहली पसंद के वोट गिने जाते हैं। अगर पहली पसंद का उम्मीदवार जीत के लिए जरूरी वेटेज हासिल कर लेता है तो उसकी जीत हो जाती है वहीं अगर ऐसा नहीं होता तो दूसरी और फिर तीसरी पसंद का वोट गिना जाता है।

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