Priyanka on Palestine Crisis: फिलिस्तीनियों के समर्थन में खुलकर उतरीं प्रियंका गांधी, इजरायली हमले पर दी तीखी प्रतिक्रिया
Priyanka on Palestine Crisis: प्रियंका गांधी ने हमास नियंत्रित गाजा पट्टी पर जारी ताबड़तोड़ इजरायली हमले की तीखी आलोचना की है। बीते 20 दिनों से जारी जंग के कारण वहां उपजे मानवीय संकट को लेकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को निशाने पर लिया है।
Priyanka on Palestine Crisis: पश्चिम एशिया में छिड़े इजरायल – हमास युद्ध का असर देश की घरेलू राजनीति पर भी नजर आ रहा है। गाजा पर इजरायली हमले के विरोध में देश के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों को छोड़ दें तो कांग्रेस समेत तमाम बड़ी विपक्षी पार्टियों ने ताजा संघर्ष में इजरायल की बजाय फिलिस्तीन का साथ दिया है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पहली बार इस मुद्दे पर खुलकर बोली हैं।
कांग्रेस नेत्री ने हमास नियंत्रित गाजा पट्टी पर जारी ताबड़तोड़ इजरायली हमले की तीखी आलोचना की है। बीते 20 दिनों से जारी जंग के कारण वहां उपजे मानवीय संकट को लेकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को निशाने पर लिया है। कांग्रेस पार्टी ने भी गाजा पर इजरायली हमले शुरू होने के एक दिन बाद फिलिस्तीनियों के समर्थन में बयान जारी किया था। हालांकि, इससे एक दिन पहले पार्टी की ओर से हमास के आतंकियों द्वारा इजरायली नागरिकों पर किए गए हमलों की निंदा की गई थी।
क्या कहा प्रियंका गांधी ने ?
इजरायल – हमास संघर्ष पर पहली बार कांग्रेस पार्टी के किसी शीर्ष नेता यानी गांधी परिवार के सदस्य ने खुलकर प्रतिक्रिया दी है। प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, गाजा में 7000 मनुष्यों की हत्या के बाद भी रक्तपात और हिंसा का दौर थमा नहीं। इन 7000 लोगों में से 3000 मासूम बच्चे थे। कोई ऐसा अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं, जिसे कुचला न गया हो। कोई ऐसी मर्यादा नहीं, जिसे तार-तार न किया गया हो। कोई ऐसा क़ायदा नहीं, जिसकी धज्जियाँ न उड़ी हों। इंसानियत कब जागेगी? कितनी जानों के जाने के बाद। कितने बच्चों की बलि के बाद। क्या मनुष्य होने की चेतना बची है? क्या वह कभी थी भी?
चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा बयान
अगले माह यानी नवंबर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे मे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बयान को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में मुस्लिम मतदाता कोई प्रभावशाली भूमिका में नहीं हैं। हिंदी पट्टी के इन तीन राज्यों में उनके मतों का लगभग बड़ा हिस्सा कांग्रेस को ही मिलता रहा है। लेकिन हाल के दिनों एआईएमआईएम समेत अन्य पार्टियों की सक्रियता से पार्टी को इस वोट बैंक में सेंध लगने का डर जरूर रहा है।
मुस्लिम वोटों को लेकर असली लड़ाई तेलंगाना में मानी जा रही है। जहां कभी कांग्रेस के कोर वोटर रहे मुसलमान मतदाता ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और बीआरएस के पास पाले में खिसक चुके हैं। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन भी है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी अपने जलसों में लगातार इजरायल-हमास जंग का मुद्दा उठा रहे हैं। वे अपनी तकरीरों में फिलिस्तीन जिंदाबाद का नारा लगाते हैं। तेलंगाना में कांग्रेस को इस बार सत्ता का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। ऐसे में फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रियंका गांधी का मुखर बयान निश्चित तौर पर राज्य में सबसे बड़े अल्पसंख्यत मतदाता वर्ग के बीच पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूती प्रदान करेगा।
बता दें कि इजरायल-हमास जंग अपने 21वें दिन में प्रवेश कर चुका है। अब तक दोनों ओर के 8500 से अधिक नागरिक जान से हाथ धो बैठे हैं और 10 हजार से अधिक जख्मी हैं। गाजा में जरूरी चीजों की भारी किल्लत पैदा हो गई है।