जल्लीकट्टू से बैन हटाने की मांग पर प्रदर्शन, मद्रास HC का दखल से इनकार

जल्लीकट्टू से बैन हटाने हटाने की मांग को लेकर पूरे तमिलनाडु में विरोध हो रहा है। इसपर मद्रास हाई कोर्ट ने दखल देने से मना कर दिया।

Update:2017-01-18 17:06 IST

चेन्नई: सांडों पर काबू पाने के प्राचीन और लोकप्रिय खेल जलीकट्टू पर बैन हटाने की मांग को लेकर पूरे तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मरीना बीच पर हजारों लोग मंगलवार (17 जनवरी) से ही जमे हुए हैं। यहां करीब 3000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने कैंडिल मार्च निकाला। मदुरै, चेन्नै और कोयंबटूर में हो रहा प्रदर्शन बुधवार (18 जनवरी) को भी जारी रहा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में ही जल्लीकट्टू पर बैन लगा दिया था। पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका भी रद्द कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दाखिल एक अन्य याचिका को 12 जनवरी को खारिज किया था।

कोर्ट ने क्या कहा ?

-मद्रास हाई कोर्ट ने बुधवार (18 जनवरी) को कहा कि वह जल्लीकट्टू पर बैन के विरोध में शहर में चल रहे प्रदर्शनों के मामले में कोई दखल नहीं देगा।

-हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस के कॉल और न्यायामूर्ति एम सुंदर की पीठ ने इस मुद्दे पर इस चरण में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

-पीठ ने कहा कि यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और जब ऐसा होता है तो हाई कोर्ट और तमिलनाडु सरकार कुछ नहीं कर सकती।

-इसके अलावा मरीना रोड़ प्रदर्शन करने की जगह नहीं है।कोर्ट इस चरण में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है।

वकील ने क्या कहा ?

-वकील के बालू ने मरीना मार्ग में जल्लीकट्टू समर्थकों के चल रहे विरोध प्रदर्शनों का खुली अदालत में जिक्र किया

-उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रदर्शनकारियों को पेयजल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है

-इसके साथ ही मंगलवार शाम से चल रहे प्रदर्शन वाले स्थान में बिजली आपूर्ति बंद है.

क्या है जल्लीकट्टू ?

-जल्लीकट्टू तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है।

-जो फसलों की कटाई पर पोंगल के समय खेला जाता है।

-इसमें भारी-भरकम सांडों की सींगों में सिक्के या नोट फंसाकर रखे जाते हैं

-फिर उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है।

-जिससे लोग सींगों से पकड़कर उन्हें काबू में करें।

किसके खिलाफ प्रदर्शन ?

-सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में जलीकट्टू के आयोजन पर मई 2014 में रोक लगा दी थी।

-इसके बाद से ही लोग केंद्र सरकार से जलीकट्टू के आयोजन के लिए जरूरी कानूनी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

-पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) के खिलाफ लोगों की नाराजगी इसलिए है क्योंकि उसकी ही याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया था।

-इसके साथ ही लोगों की मांग है कि इस मसले पर राज्य सरकार अपना पक्ष साफ करे।

तमिलनाडु के सीएम ने क्या कहा ?

-तमिलनाडु के सीएम ओ पन्नीरसेल्वम ने प्रदर्शनकारियों से प्रोटेस्ट खत्म करने का आग्रह किया है

-सीएम ने कहा है कि वह गुरुवार (19 जनवरी) को पीएम मोदी मिलकर जलीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश लाने की मांग करेंगे

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