पुलावामा हमले पर भारत ने उठाया ये बड़ा कदम, अब नहीं बचेंगे आतंकी

भारत पुलवामा आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान से औपचारिक रूप से पूछताछ करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही इस हमले में शामिल सात आतंकियों का ब्योरा भी उससे मांगा जाएगा। NIA की तरफ से न्यायिक चिट्ठी भी तैयार की जा चुकी है।

Update: 2020-12-12 10:35 GMT
पुलावामा हमले पर भारत ने उठाया ये बड़ा कदम, अब नहीं बचेंगे आतंकी

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बीते साल फरवरी, 2019 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हुए हमले में 40 भारतीय जवानों की शहादत हो गई थी। अब इस मामले में भारत औपचारिक रूप से पाकिस्तान से पूछताछ करेगा। भारत पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में शामिल आतंकवादियों का पाकिस्तान से ब्योरा मांगेगा। बता दें कि इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बन गई थी।

पाकिस्तान से मांगी जाएगी सात आतंकियों के बारे में जानकारी

बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक औपचारिक न्यायिक अनुरोध या लेटर रोजेटरी (LR) तैयार किया है। NIA द्वारा तैयार किए गए लेटर रोजेटरी (LR) में सात आतंकियों के बारे में जानकारी मांगी गई है। भारत ने पाकिस्तान में मौजूद मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर, इब्राहिम अतहर और उसके चचेरे भाई अम्मार अल्वी के बारे में जानकारी मांगी है।

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(फोटो साभार - सोशल मीडिया)

इन आतंकियों की जानकारी है मौजूद

एक अंग्रेजी अखबार के रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि पुलवामा हमले को अंजाम देने के लिए भारत आए तीन पाकिस्तानी, अतहर का बेटा उमर फारूक, कामरान और इस्माइल उर्फ सैफुल्ला की जानकारी मंत्रालय के पास मौजूद है। बता दें कि इनमें से उमर फारूक और कामरान पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। वहीं माना जाता है कि इस्माइल कश्मीर में छिपा है।

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पहली बार मांगा जा रहा सहयोग

मंत्रालय से दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद कोर्ट से पाकिस्तान को न्यायिक अनुरोध भेजने की इजाजत मांगी जाएगी। वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पुलवामा हमले में पाकिस्तान को भेजा गया पहला ऐसा न्यायिक अनुरोध है, जिसमें उसका सहयोग मांगा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को मजबूत न्यायिक अनुरोध भेजा जा रहा है। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान उन्हें पनाह देने के बजाय जैश प्रमुख और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सबूत मुहैया कराते हुए कार्रवाई करेगा।

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