जियो ने बेचे मोबाइल टावर: किसानों ने उखाड़ फेंके सैंकड़ों, निकले इस कंपनी के
पंजाब में किसानों ने कुल 1500 मोबाइल टावरों में तोड़फोड़ की। हालंकि जिन टावर को जियो का समझकर आंदोलनकारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, उसे रिलायंस इसी साल कनाडा की एक कंपनी को बेच चुकी है।
चंडीगढ़: कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने पंजाब में करीब 1500 मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया था। इन टावरों को हुए नुक्सान की वजह से कई इलाकों में जियो की सेवाए बाधित हुई हैं। किसानों ने सरकार के साथ-साथ बिजनेसमैन और रिलायंस जियो के मालिक मुकेश अंबानी और कारोबारी गौतम अडाणी के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन करते हुए कई आरोप लगाए। हालाँकि जिन टावरों को किसानों ने जिओ रिलायंस का समझ कर तोड़फोड़ की, वह किसी अन्य कम्पनी का है। इसी साल रिलायंस ने उन्हें बेच चुका है।
किसानों नें पंजाब के 1500 टाॅवर गिराए
दरअसल, पंजाब में कुल 9 हज़ार से भी ज्यादा मोबाइल टावर लगे हुए हैं। आंदोलनकारी किसानों ने अपनी मांगों को लेकर बीते दिन टेलिकॉम टावरों को नुक्सान पहुंचाया। किसानों ने कुल 1500 मोबाइल टावरों में तोड़फोड़ की। हालंकि जिन टावर को जियो का समझकर आंदोलनकारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, उसके पूरे कारोबार को रिलायंस इसी साल कनाडा की एक कंपनी को बेच चुकी है।
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क्षतिग्रस्त मोबाइल टावर पहले ही बेच चुकी जियो
बता दें कि कनाडा की कंपनी ब्रूकफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी ने इसी साल रिलायंस जियो के टावर कारोबार की 100 फीसदी हिस्सेदारी करीब 25,215 करोड़ रुपये में खरीद ली है। इसके लिए 2019 में डील हुई थी और सौदा अक्टूबर 2020 में ही पूरा हो गया। ऐसे में जियो के पास देशभर में करीब 1,35,000 टावर थे, जो जियो इन्फ्राटेल नामक कंपनी के द्वारा संचालित किये जा रहे थे।
कनाडा की कंपनी के है मोबाईल टाॅवर
हालांकि अब इस पर मालिकाना बक ब्रूकफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी का है। हालांकि टावर यूज के मास्टर सर्विसेज एग्रीमेंट के मुताबिक जियो इनकी मुख्य टेनेन्ट होगी। 30 साल तक जियो इनका इस्तेमाल करेगी और इसके बदले टावर कंपनी को किराया देगी।
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कई इलाकों में मोबाईल सेवाएं बाधित
गौरतलब है कि टावर को नुकसान पहुंचाने से कई जगह मोबाईल सेवाएं बाधित हो गयी हैं। वहीं सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने राज्य सरकार से इन टावर को सुरक्षा मुहैया करने की मांग की है। किसानों का मानना है कि कृषि कानून से बड़े उद्योगपतियों खासकर मुकेश अंबानी और गौतम अडानी को फायदा होगा। इसीलिए उन्होने उग्र होने की स्थिति में रिलायंस जियो के एसेट को निशाना बनाने की सोचा।
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