Punjab: पंजाब में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के रिश्तों में बढ़ी खटास, राजभवन ने राष्ट्रपति शासन लगाने की दे दी चेतावनी
Punjab News: सियासी जानकारों की मानें तो राजभवन और विपक्षी राज्य सरकारों के बीच टकराव बढ़े ही हैं। कई बार मामला अदालत की चौखट पर पहुंच चुका है।
Punjab News: राज्यपाल और विपक्षी राज्य सरकारों के बीच अदावत के किस्से भारतीय राजनीति के लिए नए नहीं हैं। केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सरकार बनने के बाद भी ये सिलसिला जारी है। सियासी जानकारों की मानें तो राजभवन और विपक्षी राज्य सरकारों के बीच टकराव बढ़े ही हैं। कई बार मामला अदालत की चौखट पर पहुंच चुका है। आम आदमी पार्टी शासित पंजाब भी उन राज्यों में शामिल है, जहां से अक्सर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच खटपट की खबरें आती रहती हैं।
उसी पंजाब में अब दोनों पक्षों के बीच खींचतान इतनी बढ़ गई है कि राष्ट्रपति शासन लगाने तक की बात होने लगी है। पंजाब के राज्यपाल बीएल पुरोहित मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के रवैये से नाराज होकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दे डाली है। दरअसल, पुरोहित सीएम को लिखे खतों का उत्तर न मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला ?
खबरों के मुताबिक, अगस्त माह की शुरूआत में राज्यपाल बीएल पुरोहित की ओर से मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक खत लिखा गया था। जिसमें पंजाब में नशे की समस्या पर चिंता जताया गई थी। पत्र में कहा गया था कि राज्य में नशा चरम पर है। दवा दुकानों में नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब के ठेकों से भी इसकी बिक्री हो रही है। पत्र में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और चंडीगढ़ पुलिस के उस ज्वाइंट ऑपरेशन का भी जिक्र किया गया है, जिसमें लुधियाना के 66 शराब ठेकों को नशीले पदार्थ बेचते हुए पकड़ा गया था। इन सभी ठेकों को सील कर दिया गया।
पंजाब गर्वनर ने ड्रग्स संबंधी कई और मुद्दों का जिक्र कर मुख्यमंत्री भगवंत मान से अब तक उनकी सरकार द्वारा इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत उनके दफ्तर में भेजने के निर्देश दिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो हफ्ते बीत जाने के बाद राज्य सरकार की ओर से राजभवन को इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई। जिससे गर्वनर बीएल पुरोहित नाराज हो गए।
15 अगस्त को उन्होंने सीएम भगवंत मान को एक और सख्त शब्दों में लिखी चिट्टी भेजी। जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री पर जानबूझकर जानकारियां साझा न करने का आरोप लगाया। ये खत अब जाकर पब्लिक हुई है। खत में कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 167 के प्रावधानों के अनुसार, राज्यपाल अगर राज्य के प्रशासनिक मामलों के बारे में कोई जानकारी मांगे तो मुख्यमंत्री द्वारा उसे उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य होता है। ऐसे में राजभवन द्वारा मांगी गई जानकारियां उपलब्ध न कराकर सरकार संविधान का अपमान कर रही है। मुख्यमंत्री के इस आचरण पर उनके पास कानून और संविधान के मुताबिक कार्रवाई करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है।
आम आदमी पार्टी ने किया पलटवार
पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने गर्वनर बीएल पुरोहित पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई संवैधानिक संकट नहीं है कि राष्ट्रपति शासन लगाना पड़े। आप प्रवक्ता अहबाब ग्रेवाल ने राज्यपाल पर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार के कामों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने गर्वनर के उन आरोपों को भी खारिज किया, जिसमें सरकार पर जानकारियां साझा न करने का आरोप लगाया गया है।