नई दिल्ली : साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के घंटे भर बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने बुधवार को दक्षिणी कमान की लिएसन यूनिट मुंबई में जाकर रिपोर्ट की। सेना के सूत्रों ने कहा कि उनका निलंबन जारी है, वह अनुशासनात्मक व सर्तकता प्रतिबंध के तहत रहेंगे। सूत्रों ने कहा कि पुरोहित के बाद में पुणे जाने की उम्मीद है, जहां उनकी यूनिट का मुख्यालय है।
यह अभी तक निश्चित नहीं है कि वह किस यूनिट से संलग्न होंगे। हालांकि, उन्हें मुंबई के एक यूनिट से जोड़ा जा सकता है, क्योंकि उन्हें मालेगांव विस्फोट मामले में वहां अदालत में पेश होना है।
उनका निलंबन अब भी जारी है और उन पर जमानत की शर्तो के अनुसार प्रतिबंध भी होगा।
एक अनुशासनात्मक व सर्तकता प्रतिबंध के तहत उन्हें किसी तरह के संचालन की ड्यूटी, तैनाती या अध्ययन अवकाश नहीं दिया जा सकता।
निलंबन के तहत नियमों के मुताबिक, उनके साथ अंडर ओपन अरेस्ट की तरह व्यवहार किया जाएगा। इसमें आम तौर पर एक सैनिक को अपनी वर्दी पहननी चाहिए, लेकिन निलंबन के तहत वह सामान्य कपड़े भी पहन सकते हैं।
पुरोहित 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट के प्रमुख आरोपियों में से एक हैं। जेल में नौ साल गुजारने के बाद पुरोहित महाराष्ट्र के रायगढ़ के तलोजा जेल से बुधवार को जमानत पर रिहा हुए। आतंकवादी घटनाओं की जांच करने वाली एजेंसी ने बदले हुए निजाम में अपना रुख बदलते हुए उनकी जमानत का विरोध नहीं किया।