'अंग्रेजों भारत छोड़ो' के नारे ने हिला दी थी ब्रिटिश हुकूमत की बुनियाद, PM मोदी ने याद किया स्वतंत्रता सेनानियों को

Quit India Movement: 9 अगस्त की सुबह अंग्रेजों ने महात्मा गांधी समेत कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया और इसकी अंतिम परिणति 1947 में देश की आजादी के रूप में सामने आई।

Update:2023-08-09 10:21 IST
PM Modi (photo: social media )

Quit India Movement: भारत की आजादी की लड़ाई में 9 अगस्त की तारीख का विशेष महत्व माना जाता रहा है। 1942 में 8 अगस्त को अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन चलाने का फैसला किया गया था और जमीनी स्तर पर इसकी शुरुआत 9 अगस्त को हुई थी और इसी कारण इसे अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 'करो या मरो' के नारे के साथ पूरा देश जुड़ गया था और इस आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत की बुनियाद हिला दी थी।

9 अगस्त की सुबह अंग्रेजों ने महात्मा गांधी समेत कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया और इसकी अंतिम परिणति 1947 में देश की आजादी के रूप में सामने आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किए गए अपने ट्वीट में 'भारत छोड़ो आंदोलन' में हिस्सा लेने वाले सेनानियों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन ने देश को आजादी दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई।

प्रस्ताव पारित होने के बाद संघर्ष का बिगुल बजा

मुंबई में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान 8 अगस्त 1942 को 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद अंग्रेजों की दासता से मुक्ति के लिए पूरे देश में संघर्ष का बिगुल बज गया था। अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करने में इस आंदोलन की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती रही है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में यह प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद अंग्रेज दमनात्मक कार्रवाई करने में जुट गए।

अगले दिन 9 अगस्त की सुबह अंग्रेजों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी समेत कांग्रेस कार्यसमिति के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। महात्मा गांधी को पुणे के आगा खान महल में नजरबंद कर दिया गया जबकि कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं को अहमदनगर के दुर्ग में कैद में डाल दिया गया।

महात्मा गांधी ने दिया 'करो या मरो' का नारा

इस आंदोलन के बाद अंग्रेजों के खिलाफ बगावत के सुर काफी तेज हो गए थे। देशभर के लोग इस आंदोलन के साथ जुड़ गए थे और इस आंदोलन ने जल्द ही काफी तेजी पकड़ ली। इसी दिन महात्मा गांधी ने अपना वह मशहूर नारा 'करो या मरो' दिया था जिसने देश में ब्रिटिश राज की बुनियाद हिला दी।

इस आंदोलन में पूरे देश के लोगों को आपस में जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। हालांकि अंग्रेजों ने 1944 तक इस आंदोलन को दबा दिया था मगर इस आंदोलन ने अंग्रेजों के खिलाफ देशवासियों की एकता, साहस और सक्रियता की शानदार मिसाल पेश की।

आंदोलन से भयभीत हो गई अंग्रेजों की हुकूमत

जानकारों का कहना है कि इस आंदोलन के बाद अंग्रेजों को इस बात का एहसास हो गया था कि उन्हें अब जल्दी ही भारत से अपना बोरिया बिस्तर समेटना होगा। इसी कारण अंग्रेज हुकूमत काफी डर गई थी और उसने सभी प्रकार के जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही कांग्रेस को अवैध संस्था भी घोषित कर दिया गया था। आंदोलन के दौरान देशभर में हुए नुकसान के लिए अंग्रेजों ने महात्मा गांधी को जिम्मेदार उठाया था। अंग्रेज इस बात को लेकर काफी हैरान थे कि सारे बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बावजूद यह आंदोलन कैसे चल रहा है।

दरअसल महात्मा गांधी की गिरफ्तारी के बाद आम लोगों ने आंदोलन की कमान संभाल ली थी।

अंग्रेजों को हुआ भारत छोड़ने का एहसास

हालांकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आंदोलन को अहिंसक तरीके से चलाना चाहते थे, लेकिन इस दौरान कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं भी हुई थीं। ब्रिटिश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक आंदोलन के दौरान 940 लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इस आंदोलन से अंग्रेजों को इस बात का एहसास हो गया कि उन्हें जल्द ही भारत छोड़ना पड़ेगा और इस आंदोलन की चरम परिणति 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के रूप में सामने आई थी।

पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'भारत छोड़ो आंदोलन' में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में छेड़े गए इस आंदोलन ने देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्ति दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि आज पूरा देश एक स्वर में कह रहा है कि करप्शन भारत छोड़ो, वंशवाद भारत छोड़ो और तुष्टीकरण भारत छोड़ो। प्रधानमंत्री मोदी के इस ट्वीट से साफ है कि उन्होंने इसके जरिए कांग्रेस को घेरने की भी कोशिश की है।

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