सरकार ने आपके इस सुरक्षित डेटाबेस को बेचा, इतने करोड़ रुपए की हुई कमाई

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद सत्र के दौरान बताया कि सरकार ने वाहन और सारथी एप डाटाबेस की पहुंच निजी कंपनियों को देकर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है।Data Share

Update: 2021-02-17 12:43 GMT
सरकार ने शेयर किये लोगों के वाहन डेटाबेस, कमाएं इतने करोड़,जानिए क्या है मामला

नई दिल्ली: केंद्र सरकार सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर राजस्व को बढ़ाने में लगी थी, लेकिन अब सरकार लोगों के निजी डाटा को बेचकर पैसा कमाने में लगी है। सरकार कार और बाइक के डेटाबेस को निजी कंपनियों से शेयर करके 100 करोड़ रुपये की कमाई की है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 12 फरवरी (गुरुवार) को लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा,सरकार द्वारा वाहन डेटाबेस शेयर करके 1,11,38,79,757 रुपये राजस्व एकत्रित किया गया है।

100 करोड़ रुपये की कमाई

अब जनता डाटा प्राइवेसी को लेकर परेशान है। वहीं सरकार की इस निजी डाटा को बेच कर चांदी हो रही है। वाहन और सारथी एप सुरक्षित डाटा को बेच कर सरकार ने 100 करोड़ रुपये की कमाई कर डाली है। वहीं यह खुलासा किसी स्टिंग ऑपरेशन या किसी मीडिया कंपनी ने नहीं किया है, बल्कि सरकार ने संसद में कहा है।

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संसद सत्र के दौरान खुलासा

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद सत्र के दौरान बताया कि सरकार ने वाहन और सारथी एप डाटाबेस की पहुंच निजी कंपनियों को देकर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि सरकार ने यह डाटा कानून प्रवर्तन एजेंसियों, गृह मंत्रालय, ऑटो, इंश्योरेंस कंपनियों के साथ साझा किया है। लगभग 170 पार्टियों को दो डाटाबेस शेयर किया गया है। जिनमें बीएमडब्ल्यू, एक्सिस बैंक, बजाज अलायंस, जनरल इंश्योरेंस, लार्सन एंड टर्बो फाइनेंशियल सर्विसेज और मर्सिडीज बेंज शामिल हैं।

 

65 करोड़ रुपये की कमाई

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने वाहन और सारथी एप का डाटाबेस बेच कर 1,11,38,79,757 रुपये की कमाई की है। इससे पहले सरकार ने 2019 में 65 करोड़ रुपये की कमाई की थी। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय वाहन डाटाबेस में 25 करोड़ वाहन और सारथी डाटाबेस में 15 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस रजिस्टर्ड हैं।

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डाटा शेयरिंग पॉलिसी को रद्द

बता दें कि, परिवहन मंत्रालय ने 2019 में बल्क डेटा शेयरिंग पॉलिसी को खत्म कर दिया था। जिसमें देश में ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्टर्ड वाहनों के डिटेल शामिल हैं। मंत्रालय ने जून 2020 में पर्सनल डेटा और गोपनीयता चिंताओं के संभावित दुरुपयोग का हवाला देते हुए इस पॉलिसी को नजरअंदाज कर दिया था। हालांकि, परिवहन मंत्रालय का कहना है कि वाहन मालिकों की निजी जानकारी सुरक्षित है और उसके बारे में किसी कंपनी को जानकारी नहीं दी गई है। सिर्फ वाहन का प्रकार, मॉडल, रंग, सीटों की संख्या, चैसिस नंबर, ईंधन का प्रकार, फाइनेंस और इंश्योरेंस कंपनी का नाम जैसी जानकारियां ही दी गई हैं।

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