हो गया खुलासा: ये हैं लद्दाख के पहले LG, रक्षा मंत्रालय से है गहरा नाता

25 मई 2013 को रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राधा कृष्ण माथुर को रक्षा सचिव नियुक्त किया गया था। उनको  शशिकांत शर्मा की जगह रक्षा सचिव बनाया गया था। दो साल तक उन्होंने बतौर रक्षा सचिव काम किया। रक्षा मंत्रालय से वह काफी लंबे समय तक जुड़े रहे।

Update: 2019-10-26 06:36 GMT
हो गया खुलासा: ये हैं लद्दाख के पहले LG, रक्षा मंत्रालय से है गहरा नाता

नई दिल्ली: 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आ रहे दो केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने उपराज्यपाल नियुक्त कर दिए हैं। वरिष्ठ आईएएस गिरीश चंद्र मुर्मू को जहां जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है तो वहीं राधा कृष्णा माथुर को लद्दाख का लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाया गया है। ऐसे में अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पहली बार अपने-अपने लेफ्टिनेंट गवर्नर मिले हैं।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार की अनुशंसा पर ये नियुक्ति की है। ऐसे में आज हम आपको इस बारे में जानकारी देंगे कि आखिर लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर राधा कृष्णा माथुर कौन हैं। इसके अलावा आज हम आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातों से भी रूबरू करवाएंगे, जिनके बारे में आपको जानकारी भी नहीं होगी।

ये हैं राधा कृष्णा माथुर

25 नवंबर 1953 को जन्मे राधा कृष्ण माथुर 1977 बैच के त्रिपुरा कैडर के एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। उनको अब लद्दाख का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। भारत के मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के रूप में वह नवंबर 2018 में रिटायर हुए थे।

माथुर का त्रिपुरा कनेक्शन

आरके माथुर ने केंद्रीय रक्षा सचिव के अलावा त्रिपुरा सरकार में भी अहम भूमिका अदा की है। वह त्रिपुरा के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (वित्त), प्रमुख सचिव (कृषि), प्रमुख सचिव (ग्रामीण विकास), त्रिपुरा के रेजिडेंट कमिश्नर, रेवेन्यू कमिश्नर, पंचायतों के कमिश्नर, त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज के ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के सीईओ और त्रिपुरा सरकार में वेस्ट त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और कलेक्टर के रूप में भी काम कर चुके हैं।

जानिए माथुर का रक्षा मंत्रालय कनेक्शन

25 मई 2013 को रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राधा कृष्ण माथुर को रक्षा सचिव नियुक्त किया गया था। उनको शशिकांत शर्मा की जगह रक्षा सचिव बनाया गया था। दो साल तक उन्होंने बतौर रक्षा सचिव काम किया। रक्षा मंत्रालय से वह काफी लंबे समय तक जुड़े रहे। उनको साल 2008 के सितंबर से अक्टूबर 2011 तक रक्षा विभाग में अतिरिक्त सचिव और विशेष सचिव का पद सौंपा गया।

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