Bharat Jodo Yatra: कश्मीर में राहुल गांधी को पैदल नहीं कार से चलने की सलाह, एडवाइजरी जारी
Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी को कुछ संवेदनशील जगहों पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, उनको सुरक्षित रखने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है।
Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकली भारत जोड़ो यात्रा अब अपने अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। यह यात्रा आज यानी मंगलवार शाम पंजाब-हिमाचल प्रदेश सीमा पर पहुंचेगी। पंजाब पहुंचते ही राहुल की सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई है। लेकिन अब तक यात्रा कश्मीर पहुंचने को है तो सुरक्षा एजेंसियां अतिरिक्त सावधानी बरत रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने राहुल गांधी को कश्मीर में बुलेटप्रूफ कार में चलने की सलाह दी है।
गांधी को कुछ संवेदनशील जगहों पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, उनको सुरक्षित रखने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। साथ ही उन्हें कुछ जगहों पर पैदल की जगह कार में यात्रा करने की सलाह दी गई है। आगे उन्होंने बताया कि एक व्यापक सुरक्षा समीक्षा अभी भी चल रही है, जिसमें रात के पड़ावों के डिटेल पर काम किया जा रहा है।
19 जनवरी को जम्मू में दाखिल होंगे राहुल
भारत जोड़ो यात्रा 19 जनवरी को पंजाब-जम्मू सीमा पर स्थित लखनपुर पहुंचेगी। इसके बाद केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी 25 जनवरी को बनिहाल में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। दो दिन बाद यानी 27 जनवरी को अनंतनाग पहुंचेंगे, फिर वहां से श्रीनगर के पंथा चौक पहुंचेंगे। सुरक्षा एजेंसियां चाहती हैं कि राहुल जब श्रीनगर में हों तो कुछ ही लोग उनके साथ यात्रा करें।
राहुल को मिली है जेड प्लस सुरक्षा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा कवर मिला हुआ है। उनकी सुरक्षा में 8/9 जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं। पंजाब पहुंचते ही उनकी सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई है। फिलहाल उनकी सुरक्षा में 58 कमांडो, 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड, 6 पीएसओ तैनात रहते हैं। इसके अलावा एक इंस्पेक्टर या एक सब – इंस्पेक्टर इंचार्ज के तौर पर तैनात रहता है। कांग्रेस पार्टी ने भी गृह मंत्रालय से राहुल की सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध किया था।
कब खत्म होगी यात्रा ?
7 सितंबर 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी 2023 को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ खत्म होगी। इस यात्रा में समान विचारधारा वाले 21 विपक्षी नेताओं को शामिल होने का न्योता दिया गया है। कांग्रेस आम चुनाव से एक साल पहले इसके जरिए राहुल गांधी के नेतृत्व में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता का एक बड़ा सियासी संदेश देना चाहती है।