Rahul Gandhi in Manipur: राहुल गांधी मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर,राहत शिविरों में लोगों से मिलकर बाटेंगे दुख-दर्द

Rahul Gandhi in Manipur: मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई को हुई थी और राज्य में हिंसा भड़कने के बाद कांग्रेसी नेता राहुल गांधी का पूर्वोत्तर का यह पहला दौरा है।

Update: 2023-06-29 03:09 GMT
Rahul Gandhi in Manipur (photo: social media )

Rahul Gandhi in Manipur: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हिंसाग्रस्त मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए हैं। गुरुवार और शुक्रवार को अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान राहुल गांधी विभिन्न राहत शिविरों का दौरा करेंगे। वे जातीय हिंसा के कारण अपने घर से बेघर हुए लोगों से मुलाकात करके उनका दुख दर्द बांटने की कोशिश करेंगे। मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई को हुई थी और राज्य में हिंसा भड़कने के बाद कांग्रेसी नेता का पूर्वोत्तर का यह पहला दौरा है।

राज्य में हिंसा पर लगाम लगाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में सर्वदलीय बैठक भी की थी। इसके बावजूद अभी तक राज्य में हिंसा की घटनाओं पर लगाम नहीं लग सकती है। कांग्रेस की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग की जा रही है।

राहत शिविरों का दौरा करेंगे राहुल

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे के संबंध में जानकारी देते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि गुरुवार को इंफाल पहुंचने के बाद राहुल गांधी चूड़ाचांदपुर जाएंगे। यहां पर उनका राहत शिविरों का दौरा करने का कार्यक्रम है। इसके बाद वे विष्णुपुर जिले में मोइरांग जाएंगे। दोनों ही जगहों पर कांग्रेस नेता हिंसा के कारण बेघर हुए लोगों से मुलाकात करके उनकी समस्याएं जानने की कोशिश करेंगे।

शुक्रवार को कांग्रेस नेता का इंफाल के राहत शिविरों का दौरा करने का कार्यक्रम है। राहत शिविरों का दौरा करने के बाद राहुल गांधी का नागरिक समाज के कुछ संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत का भी कार्यक्रम है। मणिपुर में गत मई की शुरुआत में जातीय हिंसा की शुरू हुई थी। जातीय हिंसा में अभी तक काफी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं। राज्य में तीन सौ से अधिक राहत शिविर बनाए गए हैं जिनमें करीब 50,000 लोगों ने शरण ले रखी है।

कांग्रेस की सीएम को बर्खास्त करने की मांग

मणिपुर की हिंसा के संबंध में कांग्रेस राज्य सरकार और मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि दोनों सरकारें समस्या सुलझाने और हिंसा पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई हैं। कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की है।

कांग्रेस का आरोप है कि राज्य की मौजूदा स्थिति के लिए भाजपा और उसकी विभाजनकारी नीतियां जिम्मेदार हैं। पार्टी की ओर से राज्य में शांति बहाली के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की भी मांग की गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में मणिपुर हिंसा पर लगाम लगाने के लिए सर्वदलीय बैठक भी की थी मगर अभी तक उसका भी सकारात्मक नतीजा नहीं दिखा है।

मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा

मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा की घटनाओं में अभी तक सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ 3 मई को मणिपुर के पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था। इसके बाद ही राज्य में जातीय हिंसा भड़क उठी थी।

मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 फ़ीसदी है जबकि कुकी और लगा जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी करीब 40 फ़ीसदी है। जातीय हिंसा भड़कने के बाद राज्य में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं मगर अभी तक हिंसा की घटनाओं पर रोक नहीं लग सकी है।

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