Rahul Disqualified Case: राहुल गांधी को लग गया लालू यादव का श्राप, जानें ऐसा क्यों बोले गिरिराज सिंह
Rahul Disqualified Case: गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि राहुल गांधी को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का श्राप लगा है। जब चारा घोटाले में आदेश आया था और लालू प्रसाद यादव की सदस्यता जाने वाली थी। उस समय राहुल गांधी लालू प्रसाद से मिलते नहीं थे। कांग्रेस नेता ने तब ऐसे मामले में अपील के प्रावधान से संबंधित अध्यादेश को फाड़ दिया था।
Rahul Disqualified Case: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होने को लेकर सता पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल मोदी सरकार पर राहुल गांधी को फंसाने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं बीजेपी उन्हें राहुल के उस बयान की याद दिला रही है, जो उन्होंने साल 2013 में दिया था। इस बीच केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड लीडर गिरिराज सिंह का भी एक बयान आया है।
गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि राहुल गांधी को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का श्राप लगा है। जब चारा घोटाले में आदेश आया था और लालू प्रसाद यादव की सदस्यता जाने वाली थी। उस समय राहुल गांधी लालू प्रसाद से मिलते नहीं थे। कांग्रेस नेता ने तब ऐसे मामले में अपील के प्रावधान से संबंधित अध्यादेश को फाड़ दिया था। बकौल गिरिराज लालू ने उस समय राहुल गांधी को श्राप देते हुए कहा था कि ‘ जो तुमने मेरे साथा किया है, वो तुम्हारे साथ भी होगा’।
प्रियंका गांधी के बयान पर पलटवार
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बयान पर भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि देश देख रहा है कि कौन कायर है और कौन शहीद है। राहुल गांधी के पूरे परिवार को जान लेना चाहिए कि वो अपने ही जाल में फंसे हैं। उन्होंने कहा कि ये इतने बड़े परिवार से आते हैं, उन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि देश में कानून से बड़ा कोई नहीं है। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी ने कहा था कि मेरे भाई (राहुल गांधी) ने अडानी का मुद्दा उठाया था, इसलिए सरकार ने डरकर ये कदम उठाया है।
लालू यादव की चली गई थी सदस्यता
जिस जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 के वार से आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक झटके में सांसद से पूर्व सांसद हो गए हैं, इनकी सबसे तगड़ी मार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने झेली थी। सितंबर 2013 में चारा घोटाले के एक मामले में लालू यादव दोषी करार दिए गए थे और उन्हें पांच साल की सजा हुई थी। उस दौरान लालू बिहार की सारण सीट से सांसद हुआ करते थे।
मनमोहन सरकार इस पर लाई अध्यादेश
यूपीए का बाहर से समर्थन करने वाले लालू ने इस प्रावधान को निरस्त करने के लिए सरकार को लगभग मना लिया था और मनमोहन सरकार इस पर अध्यादेश भी ले आई थी। लेकिन ये वक्त अन्ना आंदोलन का दौर था और देश में करप्शन के खिलाफ जबरदस्त माहौल था। लिहाजा राहुल गांधी ने अपने करीबी नेताओं के इशारे पर छवि चमकाने के लिए अध्यादेश की प्रति को सांकेतिक रूप से फाड़ दिया और इसका पुरजोर विरोध किया।
राहुल के विरोध के कारण मनमोहन सरकार को ये अध्यादेश वापस लेना पड़ा और इससे सरकार की और फजीहत हो गई। लेकिन इस घटना से सबसे बड़ा नुकसान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को हुआ। उन्हें 5 साल की सजा तो मिली ही, साथ ही अगले 6 वर्षों तक उनके चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लग गया। इस घटना ने एक तरह से उनकी चुनावी राजनीति पर ब्रेक लगा दिया। अस्वस्थ लालू फिलहाल सक्रिय राजनीति से भी दूर ही हैं।