Rajasthan Politics: भाजपा ने वसुंधरा को दिया बड़ा झटका, समर्थकों की अनदेखी और धुर विरोधियों को टिकट, आखिर क्या है पार्टी की प्लानिंग
Rajasthan Politics: पार्टी की ओर से सियासी जंग में 29 नए चेहरों को जरूर उतारा गया है मगर हैरानी की बात है कि नए चेहरों में भी वसुंधरा का कोई समर्थक शामिल नहीं है।
Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से जारी पहली सूची के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। भाजपा की ओर से सोमवार को जारी 41 उम्मीदवारों की पहली सूची में सात सांसदों के नाम शामिल हैं। इस सूची में शामिल नामों से साफ हो गया है कि टिकट बंटवारे में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नहीं चल सकी है। यहां तक कि उनके कई समर्थक विधायकों के टिकट भी कट गए हैं। पार्टी की ओर से सियासी जंग में 29 नए चेहरों को जरूर उतारा गया है मगर हैरानी की बात है कि नए चेहरों में भी वसुंधरा का कोई समर्थक शामिल नहीं है। इस सूची से साफ हो गया है कि पार्टी नेतृत्व ने वसुंधरा राजे को बड़ा झटका दिया है।
वैसे तो पार्टी नेतृत्व ने सात सांसदों को टिकट दिया है मगर वसुंधरा की धुर विरोधी मानी जाने वाली सांसद दीया कुमारी को चुनाव मैदान में उतार कर वसुंधरा को सख्त संदेश देने की भी कोशिश की गई है। दीया कुमारी का रिश्ता भी राजघराने से ही है और ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व ने वसुंधरा राजे के मुकाबले उन्हें खड़ा करने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। भाजपा की पहली सूची में वसुंधरा राजे का नाम शामिल न होना भी लोगों को हैरान कर रहा है।
शीर्ष नेतृत्व से बढ़ रही वसुंधरा की दूरी
राजस्थान में वसुंधरा समर्थकों की ओर से लंबे समय से उन्हें सीएम पद का चेहरा बनाए जाने की मांग की जाती रही है। हालांकि पार्टी की ओर से साफ कर दिया गया है कि राजस्थान में पार्टी अब किसी को सीएम चेहरा नहीं बनाएगी बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर दम पर चुनावी अखाड़े में उतरेगी। इसे वसुंधरा के लिए बड़ा झटका माना जाता रहा है क्योंकि वे राजस्थान में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा मानी जाती रही है।
हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयपुर में हुई रैली के दौरान वसुंधरा राजे मंच पर जरूर मौजूद थी मगर पीएम मोदी के बगल में बैठे होने के बावजूद उनकी प्रधानमंत्री के साथ कोई गुफ्तगू नहीं हुई। इसे भी पार्टी हाईकमान के साथ वसुंधरा की बढ़ती दूरी का बड़ा संकेत माना गया था।
भाजपा ने सात सांसदों को अखाड़े में उतारा
अब भाजपा की ओर से जारी 41 उम्मीदवारों की पहली सूची को भी वसुंधरा के लिए झटके के तौर पर ही देखा जा रहा है। पार्टी ने सात सांसदों को विधानसभा चुनाव की जंग में उतार दिया है। भाजपा ने सांसद राज्यवर्धन राठौड़ को झोटवारा से प्रत्याशी बनाया है। मांडवा से सांसद नरेंद्र कुमार को चुनाव में प्रत्याशी बनाया गया है। इसके अलावा विद्याधरनगर से दीया कुमारी, सवाई माधोपुर से किरोड़ी लाल मीणा, तिजारा से बाबा बालकनाथ, किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी और सांचोर से देवजी पटेल को टिकट दिया गया है।
धुर विरोधी दीया कुमारी बनेंगी मुसीबत
इस सूची से साफ है कि भाजपा ने वसुंधरा के धुर विरोधी माने जाने वाले सांसदों को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। सीएम पद की दावेदार मानी जा रही वसुंधरा के धुर विरोधी सांसद दीया कुमारी को जयपुर की विद्याधरनगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। मजे की बात यह है कि वसुंधरा समर्थक नरपत सिंह राजवी का टिकट काटकर दीया कुमारी को विद्याधरनगर से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
राजस्थान की रियासत में दीया कुमारी को सीएम पद का दावेदार बताया जा रहा है। दीया कुमारी का ताल्लुक भी राजघराने से है। वे जयपुर के महाराजा सवाई सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की बेटी हैं। दीया कुमारी को चुनावी अखाड़े में उतरना वसुंधरा के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि वसुंधरा की काट के लिए दीया कुमारी को तैयार किया जा रहा है। पीएम मोदी की जयपुर रैली के दौरान दीया कुमारी को मिला वीआईपी ट्रीटमेंट भी चर्चाओं में है।
वसुंधरा विरोधियों का मंच तैयार
भाजपा की ओर से सवाई माधोपुर से पार्टी के सांसद किरोडी लाल मीणा को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है। उल्लेखनीय है कि मीणा को भी वसुंधरा का धुर विरोधी माना जाता रहा है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट देकर पार्टी नेतृत्व में वसुंधरा विरोधियों का एक पूरा मंच तैयार कर दिया है।
जानकारों का कहना है कि बीजेपी के सत्ता में आने की स्थिति में ये सारे नेता मिलकर वसुंधरा के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल सकते हैं। पार्टी हाईकमान भी इसी रणनीति पर आगे बढ़ता हुआ दिख रहा है। यही कारण है कि वसुंधरा राजे की आगे की सियासी राह काफी मुश्किल मानी जा रही है।
समर्थकों का कट गया टिकट
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने वसुंधरा विरोधियों को चुनावी अखाड़े में उतारने के साथ ही वसुंधरा के कई समर्थकों का टिकट भी काट दिया है। पार्टी की पहली सूची में वसुंधरा के समर्थक और पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का टिकट कट गया है। वसुंधरा के एक और समर्थक और पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को भी टिकट से वंचित कर दिया गया है। पार्टी ने पहले ही उनके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की थी और तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक पार्टी में उनकी एंट्री नहीं हो सकी है।
अब दूसरी सूची पर सबकी निगाहें
वैसे वसुंधरा समर्थकों को पार्टी की दूसरी सूची से आस लगी हुई है। मध्य प्रदेश में भाजपा ने पहली और दूसरी सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को निराश किया था मगर बाद की सूचियां में सिंधिया के कई समर्थक टिकट पाने में कामयाब हुए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा की दूसरी सूची में वसुंधरा के कुछ समर्थकों को टिकट जरूर दिया जाएगा। सियासी जानकारों का मानना है कि राजस्थान में वसुंधरा की अनदेखी पार्टी को महंगी पड़ सकती है। इसी कारण माना जा रहा है कि वसुंधरा के समर्थक आगे टिकट पाने में कामयाब हो सकते हैं।