Rajasthan Election 2023: वसुंधरा की संघ नेताओं और राज्यपाल से अहम मंत्रणा, चुनाव नतीजे की घोषणा से पूर्व राजस्थान में सियासी हलचलें तेज

Rajasthan Election 2023: चुनाव नतीजे की घोषणा से पूर्व वसुंधरा राजे की सक्रियता के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने वसुंधरा को सीएम चेहरा नहीं घोषित किया था।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-02 03:51 GMT

Rajasthan Election 2023  (photo: social media )

Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे की घोषणा से पहले ही सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे शुक्रवार को दिन भर काफी सक्रिय दिखीं। उन्होंने राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी से मुलाकात करके अहम मंत्रणा की है। इसके बाद वसुंधरा राजभवन पहुंचीं जहां उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ चर्चा की। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी एक दिन पूर्व राज्यपाल से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की इस मुलाकात की टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

चुनाव नतीजे की घोषणा से पूर्व वसुंधरा राजे की सक्रियता के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने वसुंधरा को सीएम चेहरा नहीं घोषित किया था। माना जा रहा है कि राजस्थान में भाजपा के चुनाव जीतने की संभावनाओं के मद्देनजर वसुंधरा ने अपनी सियासी सक्रियता बढ़ा दी है। उनकी दावेदारी को नकारना भाजपा हाईकमान के लिए भी मुश्किल माना जा रहा है।

संघ नेताओं और राज्यपाल से राजे की मंत्रणा

राजस्थान के संबंध में आए अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को मजबूत स्थिति में माना जा रहा है। अधिकांश एग्जिट पोल के मुताबिक भाजपा राज्य में सरकार बना सकती है जबकि कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस की बढ़त बताई गई है। फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक भी राज्य में भाजपा की सरकार बनने की संभावना है। एग्जिट पोल के नतीजे के बाद भाजपा नेताओं की सक्रियता बढ़ती हुई दिख रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शुक्रवार को राजधानी जयपुर में भारती भवन स्थित संघ कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ भी महत्वपूर्ण चर्चा की। संघ नेताओं से मुलाकात करने के बाद वसुंधरा ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ भी चर्चा की।

हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि इन मुलाकातों में क्या चर्चा हुई है। वैसे माना जा रहा है कि राज्य में भाजपा सरकार की संभावनाओं को देखते हुए वसुंधरा ने संघ नेताओं से मंत्रणा की है।

वसुंधरा को मिल रही है कड़ी चुनौती

राजस्थान में भाजपा के चुनाव जीतने की स्थिति में सीएम पद के लिए भाजपा हाईकमान को काफी माथापच्ची करनी होगी। इसका कारण यह है कि इस बार भाजपा ने किसी भी नेता को राजस्थान में सीएम पद का चेहरा नहीं बनाया था। भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनावी अखाड़े में उतरी थी और भाजपा का यह दांव असर करता हुआ दिख रहा है।

सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार वसुंधरा के लिए राजस्थान का मुख्यमंत्री बनना आसान नहीं होगा। दरअसल भाजपा में कई ऐसे प्रमुख दावेदार उभरे हैं जिनसे वसुंधरा को कड़ी चुनौती मिल रही है।

सियासी जानकारों का मानना है कि इसी कारण वसुंधरा ने चुनाव नतीजे की घोषणा से पूर्व ही अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इसके जरिए उन्होंने पार्टी हाईकमान को सीएम पद की दावेदारी के संबंध में अपना महत्वपूर्ण संदेश भी दे दिया है।

सांसद बालकनाथ सबसे आगे,शेखावत भी दावेदार

राजस्थान में अगर भाजपा को चुनावी जीत हासिल हुई तो वसुंधरा को कई दावेदारों से कड़ी चुनौती मिलेगी। मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सांसद बालकनाथ सबसे आगे माने जा रहे हैं। पिछले दिनों किए गए एक सर्वे में वे लोगों की बड़ी पसंद बनकर उभरे थे। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद दीया कुमारी को भी सीएम पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है।

हालांकि शेखावत खुद को सीएम पद की रेस से बाहर बताते हैं रहे हैं मगर इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि पार्टी का निर्णय सर्वोपरि होगा। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से उनकी काफी नजदीकी है जिसका उन्हें बड़ा सियासी फायदा मिल सकता है।

दीया कुमारी भी सीएम पद की रेस में शामिल

जयपुर राजघराने से जुड़ी दीया कुमारी को इस बार भाजपा ने विद्याधर नगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि सीएम पद की रेस में होने के कारण उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ाया गया है। पार्टी नेतृत्व से उनकी भी नजदीकी मानी जाती रही है। इस कारण उन्हें भी सीएम पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। वैसे अभी तक की सांसद बालक नाथ को सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। इन नेताओं के अलावा भाजपा हाईकमान चौंकाने वाला फैसला लेते हुए किसी और नेता को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकता है। ऐसे में सबकी निगाहें अब चुनाव नतीजे और उसके बाद सीएम पद को लेकर होने वाले फैसले पर टिकी हुई हैं।

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