Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान में हंग असेंबली के हालात में बाड़ेबंदी का प्लान, भाजपा और कांग्रेस की निर्दलीय और बागियों पर निगाहें
Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान में पिछले चुनावों की तरह इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला दिखा है मगर अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को मजबूत स्थिति में माना जा रहा है।
Rajasthan Election Result 2023: देश के तीन अन्य राज्यों के साथ ही राजस्थान की सियासी तस्वीर भी आज साफ हो जाएगी। सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि राजस्थान में रिवाज बदलता है या राज। राजस्थान में पिछले चुनावों की तरह इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला दिखा है मगर अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को मजबूत स्थिति में माना जा रहा है। ऐसे में सबकी निगाहें अब चुनाव नतीजे पर टिकी हुई हैं।
नतीजे को लेकर दोनों दलों की ओर से अलग-अलग स्तर पर तैयारी की गई हैं। हंग असेंबली के हालात बनने पर दोनों दलों ने बाड़ेबंदी का प्लान तैयार किया है। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पिछले दो-तीन दिनों के दौरान काफी सक्रिय नजर आई हैं। दोनों दलों ने निर्दलीय और बागी प्रत्याशियों पर भी निगाहें गड़ा रखी है और उनसे संपर्क साधने का प्रयास किया है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों को उम्मीद
अधिकांश एग्जिट पोल में भले ही भाजपा को मजबूती स्थिति में दिखाया गया हो मगर कांग्रेस अभी भी हतोत्साहित नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को देर रात तक कांग्रेस प्रत्याशियों से संपर्क स्थापित कर फीडबैक लेने के लिए सक्रिय रहे। दूसरी ओर भाजपा नेताओं को इस बार जीत हासिल करने का पूरा भरोसा है। उनका मानना है कि एग्जिट पोल के नतीजे हकीकत में बदलेंगे और पार्टी कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब होगी।
निर्दलीय और बागी प्रत्याशियों की पूछ बढ़ी
इस बार के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कई समर्थकों को टिकट दिलाने में नाकामयाब रहे। वसुंधरा के 11 और गहलोत के करीब सात समर्थकों का टिकट कट गया था। इनमें से अधिकांश नेता चुनावी अखाड़े में कूदे कूद पड़े हैं और कई विधानसभा क्षेत्र में उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
इन बागी प्रत्याशियों पर भी दोनों दलों के नेताओं ने निगाहें गड़ा रखी हैं। एक बात तो यह तय मानी जा रही है कि दोनों दलों के बीच काफी नजदीकी मुकाबला होने की स्थिति में बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी। इसी कारण इन प्रत्याशियों की अहमियत काफी बढ़ गई है।
बाड़ेबंदी का प्लान,प्लेन भी बुक कराए
राजस्थान में दोनों दलों की ओर से भले ही बहुमत मिलने का दावा किया जा रहा हो मगर दोनों दलों ने प्लान बी भी तैयार कर रखा है। राज्य में हंग असेंबली की स्थिति में बाड़ेबंदी का प्लान भी तैयार किया गया है। दोनों ही दलों के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि प्लेन और हेलीकॉप्टर भी बुक कराए गए हैं। राजनीतिक संकट की स्थिति में उनके जरिए विधायकों को दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है।
कांग्रेस ने चुनाव जीतने वाले सभी विधायकों को सोमवार की शाम तक जयपुर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी जयपुर में डेरा डाल रखा है। माना जा रहा है कि पार्टी ने भाजपा की विधायकों में तोड़फोड़ की स्थिति से बचने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर रखी है।
मतदान का काम समाप्त होने के बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सक्रिय बने हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ संपर्क स्थापित करके नतीजे को लेकर फीडबैक लिया है। इसके साथ ही उन्होंने कई इलाकों में निर्दलीय और मजबूत बागी प्रत्याशियों से भी संपर्क साधा है।
वसुंधरा राजे की सक्रियता बढ़ी
दूसरी ओर भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता से सियासी पारा चढ़ा हुआ है। वसुंधरा ने संघ नेताओं से मंत्रणा करने के साथ ही राज्यपाल कलराज मिश्र से भी मुलाकात की है। जानकारों का मानना है कि इसके जरिए वसुंधरा ने अपनी मजबूत दावेदारी का संदेश देने की कोशिश की है। राजस्थान में इस बार भाजपा की ओर से किसी भी नेता को सीएम चेहरा नहीं घोषित किया गया था और पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और काम के दम पर चुनाव लड़ा है।
भाजपा में तेज हुई सियासी जोड़तोड़
इस कारण भाजपा के चुनाव जीतने की स्थिति में सियासी जोड़तोड़ काफी तेज होने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी में सीएम पद के अन्य दावेदारों में सांसद बालकनाथ और जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी का नाम भी लिया जा रहा है। सांसद बालक नाथ तिजारा विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतरे हैं जबकि दीया कुमारी ने विद्याधरनगर से चुनाव लड़ा है।
एक एजेंसी की ओर से किए गए सर्वे में बालकनाथ को काफी संख्या में लोगों ने भावी सीएम के रूप में पसंद किया है। ऐसे में भाजपा की जीत की स्थिति में बालकनाथ भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।