देश में यहां आया भयानक तूफान, हिल गया 850 साल पुराना दुर्ग

देश में मौसम ने करवट ले लिया है। कई राज्यों में आंधी और बारिश हो रही है। तो वहीं कही ओले भी पड़े रहे हैं। अब राजस्थान में लगातार मौसम बिगड़ रहा है। इस बीच रविवार को पश्चिमी राजस्थान में भयानक रेतीला तूफान आया।

Update: 2020-05-18 04:14 GMT

जैसलमेर: देश में मौसम ने करवट ले लिया है। कई राज्यों में आंधी और बारिश हो रही है। तो वहीं कही ओले भी पड़े रहे हैं। अब राजस्थान में लगातार मौसम बिगड़ रहा है। इस बीच रविवार को पश्चिमी राजस्थान में भयानक रेतीला तूफान आया।

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित राज्सथान के जैसलमेर में आए इस तेज रेतीले तूफान की वजह से यहां स्थित 850 साल पुराने सोनार दुर्ग के अक्षय पोल का दरवाजा गिर गया। रेतीले तूफान की वजह से जैसलमेर शहर रेत के गुबार से ढक गया। इस तूफान की वजह से घंटों तक आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा।

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जैसलमेर में अचानक उठे इस रेतीले तूफान को देखकर लोग लोग सहम गए। देखते ही देखते इस रेतीले तूफाने की वजह से उठे गुबार ने जैसलमेर को पूरी तरह से ढक लिया। इस दौरान हवाओं की रफ्तार इतनी तेज थी कि सोनार किला भी थर्रा गया। अंधड़ की वजह से सोनार किले का गोपा चौक स्थित अक्षय पोल के भारी दरवाजे का एक भाग टूट कर गिर गया। इतने भारी दरवाजे के गिरने से लोग भी अचंभित रह गए।

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चारों तरफ रेत फैल गई

तेज तूफान की वजह से चारों तरफ धूल ही धूल हो गई और घर में चारों तरफ रेत फैल गई। इससे वहां के लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा। जिले के रामगढ़ इलाके में 33 केवी लाइन के 6 बिजली के खंभे भी टूटकर गिर गए। इससे इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, तो वहीं रामगढ़ गांव में आंधी से काफी नुकसान पहुंचा।

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बता दें राजस्थान के पश्चिमी इलाके में गर्मी के मौसम में इस तरह के धूल के गुबार समय-समय उठते रहते हैं। इसकी वजह से जनजीवन को अस्त-व्यस्त हो जाता है। स्थानीय भाषा में लोग इसे काली-पीली आंधी भी कहते हैं।

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