Rajasthan: दो मुस्लिम विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ, एक ने कांग्रेस तो दूसरे ने निर्दलीय जीता चुनाव
Rajasthan: कुछ विधायकों ने संस्कृत भाषा में शपथ ली, जिनमें दो मुस्लिम हैं। संस्कृत में शपथ लेते ही अब ये दोनों विधायक सुर्खियों में हैं और लोग इनके बारे में जानना चाह रहे हैं।
Rajasthan News: राजस्थान में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री के शपथग्रहण के बाद नई सरकार का पहला विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। कल यानी बुधवार 20 दिसंबर को दो दिवसीय सत्र का पहला दिन था। प्रोटेम स्पीकर ने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। इस दौरान कुछ विधायकों ने संस्कृत भाषा में शपथ ली, जिनमें दो मुस्लिम हैं। संस्कृत में शपथ लेते ही अब ये दोनों मुस्लिम विधायक सुर्खियों में हैं और लोग इनके बारे में जानना चाह रहे हैं।
जिन दो मुस्लिम विधायकों ने बुधवार को विधानसभा में संस्कृत भाषा में शपथ ली, वो हैं – पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस खान और जुबैर खान। यूनुस खान डीडवाना विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते हैं। वहीं, जुबैर खान कांग्रेस के टिकट पर अलवर की रामगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। खास बात ये है कि खान कांग्रेस की ओर से कल इकलौते विधायक रहे जिन्होंने संस्कृत भाषा में शपथ ली। जबकि बीजेपी के 11 विधायकों ने संस्कृत भाषा में शपथ ली।
कौन हैं यूनुस खान ?
यूनुस खान की गिनती कभी राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर मुस्लिम चेहर के तौर पर हुआ करती थी। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का बेहद खास माना जाता था। उनकी सरकार में वे कैबिनेट में कई अहम विभागों का जिम्मा संभाल चुके हैं। खान इस बार डीडवाना विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट चाह रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें न देकर जितेंद्र सिंह को टिकट दे दिया। जिससे नाराज होकर उन्होंने बगावत कर दी और पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव मैदान कूद गए।
नतीजा ये रहा कि इस सीट पर बीजेपी तीसरे नंबर पर खिसक गई। यूनुस खान निर्वतमान कांग्रेस विधायक चेतन सिंह चौधरी को दो हजार से अधिक मतों से हराया। जीतने के बाद खान देशनोक में करणी माता के दरबार गए और वहां जाकर माथा टेका। 2018 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीट टोंक से कद्दावर कांग्रेस नेता सचिन पायलट के खिलाफ उतारा गया था। लेकिन उस चुनाव में यूनुस खान की करारी शिकस्त हुई थी। पायलट ने 54 हजार से अधिक मतों से उन्हें हराया था।
कौन हैं जुबैर खान ?
राजस्थान विधानसभा में संस्कृत में शपथ लेने वाले दूसरे विधायक जुबैर खान हैं। जुबैर अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं, जिन्होंने इस भाषा में शपथ ली है। इस बार वह अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार जय आहूजा को 19696 मतों के अंतर से चुनाव हराया। इस सीट से 2018 में उनकी पत्नी सोफिया विधायकी का चुनाव जीती थीं। लेकिन इस बार कांग्रेस ने उनका टिकट काटकर जुबैर को मैदान में उतारा और वे सीट निकालने में सफल रहे। इस सीट से लगातार दूसरी बार कांग्रेस जीती है। बीजेपी के ज्ञानदेव अहूजा 2008 और 2013 में लगातार दो बार इस सीट से चुनाव जीते थे। 2018 में बीजेपी ने उनका टिकट काटकर सुखवंत सिंह को उतारा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस की सोफिया जुबेर ने हरा दिया।
किन-किन विधायकों ने ली संस्कृत में शपथ
बुधवार को राजस्थान विधानसभा में कुल 191 विधायकों ने शपथ ली। जिनमें से 13 ने शपथग्रहण के दौरान संस्कृत भाषा का इस्तेमाल किया। इन विधायकों में बीजेपी के जोरारम कुमावत, नोक्षम चौधरी, जेठानंद व्यास, पब्बाराम विश्नोई, महंत प्रतापपुरी, बाबू सिंह राठौड़, दीप्ति मोहश्वरी, कैलाश मीणा, गोपाल शर्मा, छगन सिंह, जोगेश्वर गर्ग, कांग्रेस के जुबैर खान और निर्दलीय यूनुस खान शामिल हैं।
बता दें कि नियम के मुताबिक, लोकसभा या विधानसभा में कोई जनप्रतिनिधि केवल उन्हीं भाषाओं में शपथ ले सकता है, जो संविधान की आठवीं सूची में शामिल है। राजस्थानी भाषा इस सूची में शामिल नहीं है। इसलिए बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय जीते रविंद्र सिंह भाटी ने राजस्थानी के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी शपथ ली। बाद में राजस्थानी भाषा में ली गई शपथ को विधानसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया।