Rajkot fire incident:ढाई साल से चल रहा था ये सब, आप सो गए या अंधे हो गए थे?, हाईकोर्ट की नगरनिगम को फटकार

Rajkot fire incident: हाईकोर्ट ने राजकोट नगर निगम के कमिश्नर से कहा कि गेमिंग जोन किसी परमिशन के बग़ैर चल रहा था इस बात की जानकारी नहीं थी। इस पर कोर्ट ने सरकार को जमकर सुनाया।

Update: 2024-05-27 06:55 GMT

Gujarat High Court (Pic: Social Media)

Rajkot fire incident: गुजरात के राजकोट TRP गेमिंग जोन हादसे में हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। गुजरात हाइकोर्ट ने कहा है कि हमें स्थानीय व्यवस्था और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं। इस हादसे में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें 12 बच्चे शामिल हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।

राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड मामलें में गुजरात हाइकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सोमवार को राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई। स्पेशल जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच राजकोट गेमिंग जोन में लगी आग मामले में स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।

बता दें कि रविवार को इस मामले को हाइकोर्ट ने खुद ही संज्ञान में लिय़ा था और राज्य सरकार तथा सभी नगर निगमों को सोमवार को तलब किया था। हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए और कहा कि अब हमें स्थानीय व्यवस्था और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है। कोर्ट ने कहा-आप अंधे हो गए थे?

नगर निगम को क्यों नहीं जिम्मेदार माना जाए.?

हाईकोर्ट ने नगर निगम को फटकार लगाते हुए पूछा, लोग मशीनरी के ट्रिगर से मर रहे हैं। ढाई साल से यह सब चल रहा था तो क्या सो गये थे? या आप अंधे हो गये थे। कुछ बड़े अफ़सर गेमिंग जोन में खेलने गये थे उसकी तस्वीरें वायरल हुई। इस संबंध में कोर्ट ने पूछा, जो अधिकारी वहां खेलने गए थे वो क्या कर रहे थे.? दुर्घटना के बाद पेनिक बटन दबाने का क्या मतलब, अब सरकार ने सभी गेमिंग जोन बंद करवाए हैं।

कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि हमारे चार साल के आदेश के बाद भी अगर फायर सेफ़्टी मामले में कोई कदम नहीं लिये गये तो राजकोट नगर निगम (आरएमसी) को क्यों नहीं जिम्मेदार माना जाए? बता दें कि स्पेशल जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने राजकोट गेमिंग जोन में लगी आग मामले में स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।

बार एसोसिएशन नहीं लड़ेगी आरोपियों का केस

वहीं इस बीच राजकोट बार एसोसिएशन ने एक बड़ा फैसला लिया है। बार एसोसिएशन राजकोट गेमिंग जॉन में गिरफ्तार हुए आरोपियों का केस नहीं लड़ेगी। वहीं अग्निकांड के मामले में तीसरी गिरफ्तारी हो गई है। क्राइम ब्रांच ने राहुल राठौड़ नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है जो गोंडल का रहने वाला है। राहुल गेमिंग जोन में वेल्डिंग का कामकाज करवा रहा था।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

राजकोट के गेमिंग जोन में लगी आग मामले पर गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने सवाल उठाते हुए कहा, सरकार को बड़े अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने एफआईआर में बड़े अधिकारियों के नाम शामिल नहीं किए जाने पर सवाल उठाए। शक्तिसिंह ने मांग करते हुए कहा कि जिन्होंने अपने परिजन खोए हैं उनके परिवार के सदस्य को आर्थिक मदद दी जाए।


28 लोगों की हुई थी मौत

बता दें कि राजकोट के टीआरपी गेम जोन में शनिवार को भीषण आग लग गई थी जिसमें अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। कहा जा रहा है कि जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल, गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल जमा किया गया था। जिसकी वजह से आग इतनी फैली कि पूरा स्ट्रक्चर जलकर खाक हो गया। गेम जोन से बाहर निकलने और प्रवेश के लिए केवल 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था। शनिवार का दिन होने के कारण गेम जोन में एंट्री के लिए 99 रुपये की स्कीम थी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग हादसे के समय वहां मौजूद थे। इस मामले में राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय एसआईटी गठित की थी।

वहीं मुख्यमंत्री के सख्त तेवर के बाद इस मामले में प्रशासन ने कड़ा रूख अपनाते हुए छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। राजकोट नगर निगम के दो अधिकारी असिस्टेंट इंजीनियर जयदीप चौधरी और टाउन प्लानर गौतम जोशी को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही सड़क एवं निर्माण विभाग के दो अधिकारी एडिशनल इंजीनियर पारस कोठिया और डिप्टी इंजीनियर एम आर सुमा को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं, पुलिस विभाग के दो अधिकारी इंस्पेक्टर एन आर राठौड़ और इंस्पेक्टर वी आर पटेल पर भी गाज गिरी है।

इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को राजकोट गेम जोन दुर्घटना स्थल पर निजी तौर पर निरीक्षण किया था और इस गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही राज्य सरकार ने छह अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का आदेश दिया।

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