देहरादून: उत्तराखंड में 23 मार्च को राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव होने हैं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को कांग्रेस द्वारा रिक्त हो रही सीट पर प्रत्याशी घोषित करने के लिए सही समय का इंतजार है। इस सीट के लिए स्थानीय नेताओं के अलावा केन्द्रीय नेतृत्व के कुछ वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है। जिसमें केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, संगठन सचिवों में राम लाल व शिव प्रकाश के नाम शामिल हैं। इसके अलावा यदि भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी को तरजीह दी तो अजय भट्ट व विजय बहुगुणा के नाम चर्चा में हैं।
इस रेस में श्याम जाजू व अनिल बलूनी के नाम भी लिए जा रहे हैं। विजय बहुगुणा को कांग्रेस में विभाजन कराने व अजय भट्ट के नेतृत्व को पार्टी को भारी बहुमत दिलाने का श्रेय जाता है। श्याम जाजू जो कि पार्टी मामलों के राज्य प्रभारी थे उन्हें हरीश रावत को उनके अपने बागी विधायकों से हरवाने का श्रेय जाता है बाद में यह सभी भाजपा में शामिल हो गए। अनिल बलूनी को भी मजबूत दावेदार कहा जा रहा है जिनकी छवि जमीन से जुड़े नेता की है। अन्य नामों में तीरथ सिंह रावत, सुशीला बलूनी और अनिल गोयल चर्चा में हैं।
कहा यह भी जा रहा है कि यदि भाजपा राज्य के बाहर से प्रत्याशी लाती है तो भाजपा व कांग्रेस का पिछला इतिहास देखते हुए यह कोई नई बात नहीं होगी। उधर कांग्रेस की ओर से भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ कोई प्रत्याशी खड़ा करने की अनिच्छा से पार्टी में उत्साह फीका पड़ता जा रहा है।
कांग्रेस के पास सिर्फ 11 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास 56 विधायक हैं। दो निर्दलीय विधायकों के लिए यह तय कर पाना मुश्किल है कि वह कांग्रेस को समर्थन देंगे या नहीं। हालांकि भाजपा के एक विधायक के निधन से संख्या बल 57 से घटकर 56 रह गया है लेकिन इससे चुनाव पर कोई असर पडऩे की संभावना नहीं है।