Delhi Service Bill: राज्यसभा में पूर्व CJI रंजन गोगोई बोले- 'विधेयक पूरी तरह वैध, अगर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित...'

Ranjan Gogoi On Delhi Service Bill: राज्यसभा सांसद और पूर्व CJI रंजन गोगोई ने चर्चा के दौरान कहा, 'संविधान में सरकार को इस बात का अधिकार है कि इस तरह का बिल ला सकते हैं।'

Update:2023-08-07 19:14 IST
राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई (Social Media)

Ranjan Gogoi On Delhi Service Bill: दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में सोमवार (07 अगस्त) को जोरदार बहस हुई। चर्चा के दौरान सांसद और सुप्रीम कोर्ट पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने बिल का समर्थन किया। गोगोई ने कहा कि, 'मेरे लिए बिल सही है। किसी के लिए गलत हो सकता है। संसद सदस्य पार्टी के हिसाब से अपना-अपना मत रखते हैं।' बिल पर चर्चा के बीच पूर्व सीजेआई ने रंजन गोगोई ने कई तकनीकी बातें रखी।

गोगोई ने कहा, 'ये कहना गलत है कि मामला अदालत में लंबित है। इसलिए इस पर सदन में बिल नहीं आ सकता। उन्होंने कहा, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष जो मामला लंबित है वह अध्यादेश की वैधता है। दो और प्रश्न संविधान पीठ (Constitution Bench) को भेजे गए हैं। इसका सदन में बहस से कोई लेना-देना नहीं है। रंजन गोगोई ने आगे कहा कि, 'विधेयक पूरी तरह से वैध है।'

रंजन गोगोई- ये SC फैसले के खिलाफ आक्रमण नहीं

राज्य सभा सांसद रंजन गोगोई ने संबोधन में आगे कहा, 'केंद्र सरकार का अध्यादेश वर्तमान में जिस स्थिति में है, उसे सुप्रीम कोर्ट फैसले के खिलाफ अतिक्रमण नहीं कहा जा सकता। उन्होंने बताया, संसद के पास दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कानून बनाने का अधिकार है।'

LS से पारित हो चुका है दिल्ली सेवा बिल

गौरतलब है कि, मई में केंद्र सरकार ने ये अध्यादेश (Ordinance) जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का कोई प्रभाव नहीं रहेगा, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को दिया गया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 बीते गुरुवार को ही लोकसभा से पारित हो चुका है।

क्या है दिल्ली सेवा बिल?

दरअसल, दिल्ली सेवा बिल अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के संबंध में जारी अध्यादेश की जगह लेगा। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली केजरीवाल सरकार इस बिल का विरोध कर रही है। AAP सहित विपक्षी पार्टियों का गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (I.N.D.I.A) के शेष दलों ने संसद में इसका विरोध किया है।

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