Namaz Break in Rajya Sabha: राज्यसभा में शुक्रवार को नमाज के लिए 30 मिनट का स्पेशल ब्रेक बंद,सभापति जगदीप धनखड़ का बड़ा फैसला

Namaz Break in Rajya Sabha: राज्यसभा में शुक्रवार के दिन आधे घंटे का अतिरिक्त समय नमाज के लिए दिया जाता था मगर अब यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-11 06:01 GMT

Namaz Break in Rajya Sabha (Photo: SociaL Media)

Namaz Break in Rajya Sabha: राज्यसभा में हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए आधे घंटे का दिया जाने वाला समय अब समाप्त कर दिया गया है। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ने यह फैसला किया है। धनखड़ ने बताया कि लोकसभा के शेड्यूल के मुताबिक उच्च सदन में भी शुक्रवार को दोपहर के भोजन के बाद बैठक शुरू होने का समय 2:30 बजे से बदलकर 2:00 बजे कर दिया गया है। राज्यसभा में शुक्रवार के दिन आधे घंटे का अतिरिक्त समय नमाज के लिए दिया जाता था मगर अब यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है।

राज्यसभा में दिया जाता था आधे घंटे का समय

सदन की नियम पुस्तिका में राज्यसभा की बैठक के समय का उल्लेख किया गया है। इसके मुताबिक राज्यसभा सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक और फिर दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक चलती है। दोपहर एक बजे से दोपहर दो बजे तक का एक घंटे का समय लंच ब्रेक के लिए निर्धारित किया गया है,लेकिन शुक्रवार को सदन की बैठक दोपहर के भोजन के बाद दो बजे से नहीं बल्कि ढाई बजे शुरू होती है। वैसे इसके कारण का उल्लेख नहीं किया गया है मगर माना जाता है कि शुक्रवार को आधे घंटे का अधिक ब्रेक नमाज के लिए दिया गया है।

डीएमके के सांसद ने उठाया सवाल

डीएमके सांसद तिरुची शिवा ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद शून्यकाल के दौरान इस मामले को लेकर व्यवस्था का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कि आमतौर पर शुक्रवार के दिन राजसभा का कामकाज लंच ब्रेक के बाद 2.30 बजे शुरू होता है, लेकिन संशोधित कार्यक्रम के अनुसार ये 2 बजे से ही है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय कब लिया गया, इस बारे में सदन के सदस्य नहीं जानते। उन्होंने सवाल किया कि आखिरकार यह बदलाव क्यों किया गया है? इस पर सभापति ने कहा कि यह बदलाव पहले ही मेरी ओर से किया जा चुका है।

एकरूपता के लिए बदला समय

डीएमके सांसद की ओर से यह मामला उठाए जाने पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का कहना था कि सदन में इस शुक्रवार से किसी नई परंपरा की शुरुआत नहीं हुई है बल्कि पिछले कुछ समय से यह सिलसिला चला रहा है। यह बदलाव मेरी ओर से पहले ही किया जा चुका है। उनका कहना था कि लोकसभा के अनुरूप समय करने के लिए शुक्रवार के समय में बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों संसद का हिस्सा हैं और दोनों के समय में एकरूपता लाने के लिए या बदलाव किया गया है।

पिछले सत्र में ही हो गया था बदलाव

इस पर डीएमके के एक अन्य सदस्य एमएम अब्दुल्ला खड़े हुए और उनका कहना था कि शुक्रवार को राज्यसभा की बैठक का समय लंच के बाद 2:30 इसलिए निर्धारित किया गया था ताकि मुस्लिम सदस्य नमाज़ अदा कर सकें। उनके बयान पर सभापति धनखड़ का कहना था कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों में समाज के सभी वर्गों के सदस्य हैं। शुक्रवार को लोकसभा में लंच ब्रेक के बाद बैठक की शुरुआत दोपहर 2:00 बजे होती है। वहां भी हर वर्ग के सदस्य हैं। इसलिए मैंने उचित विचार विमर्श के बाद इस व्यवस्था को राज्यसभा में भी पिछले सत्र से ही लागू कर दिया था। 

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