दास्तान-ए-राम! विश्व में पहली बार यहां होगा राम लीला का मंचन उर्दू में

आज से करीब 90 साल पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया आए उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने यह चर्चा शुरू की थी । उनका अब यह सपना ‘दास्तान-ए-राम’ के माध्यम से पूरा होने जा रहा है ।

Update:2023-07-17 18:09 IST

नई दिल्ली: आपने हिंदी और संस्कृत में तो कई रामलीला देखी-सुनी होंगी, पर अब पहली बार उर्दू भाषा में कविता और शायरी के माध्यम से रामलीला का मंचन किया जायेगा । आज से करीब 90 साल पहले जामिया मिल्लिया इस्लामिया आए उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने यह चर्चा शुरू की थी । उनका अब यह सपना ‘दास्तान-ए-राम’ के माध्यम से पूरा होने जा रहा है ।

इसमें विभिन्न प्रदेशों की नृत्य, गायन शैलियां समाहित होंगी । कविता पर आधारित इस ‘दास्तान-ए-राम’ के लेखक जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एजेके मॉस कम्युनिकेशन के प्रोफेसर दानिश इकबाल हैं ।

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‘दास्तान-ए-राम’ का आगाज ‘है राम के वजूद पर हिंदोस्तां को नाज, अहले-नजर समझते हैं उसको इमामे हिंद’ से होगा । लेखक प्रो. दानिश इकबाल के मुताबिक, 1946 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंदी और संस्कृत भाषा की तर्ज पर उर्दू में रामलीला का मंचन शुरू करने पर चर्चा हुई थी । आपको बता दें मुंशी प्रेमचंद ने जामिया में रहकर ‘कफन’ उपन्यास लिखा था । मुंशी प्रेमचंद, उर्दू में रामलीला का मंचन चाहते थे ।

साल दर साल निकलते गए, पर इस ताने-बाने को धरातल पर नहीं उतारा जा सका

मशहूर पटकथा लेखक, नाटय निर्देशक, कवि और अभिनेता हबीब तनवीर, फिल्म निर्माता एमएस सथ्यू से लेकर कई रंगकर्मी जामिया में रहने के दौरान ऐसी रामलीला का मंचन चाहते तो थे, पर यह हकीकत नहीं बन सका । उर्दू भाषा में ‘दास्तान-ए-राम’ का डायरेक्शन मुस्ताजब मलिक ने किया है । संदीप कुमार आकस्टिक डायरेक्टर और तारिक खान प्रोड्यूसर हैं ।

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दानिश के मुताबिक, आजादी से पहले उर्दू भाषा में रामायण पर कई पुस्तकें लिखी गई थीं । हालांकि इनमें से अधिकतर पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं, पर सौ परिवारों के पास उपलब्ध पुस्तकों का अध्ययन करने के बाद ‘दास्तान-ए-राम’ तैयार की गई है । इसमें रामायण के किसी भी कंटेंट से छेड़छाड़ या बदलाव नहीं किया गया है । दर्शकों को पारंपरिक कविता के माध्यम से श्रवण-दशरथ, राम वनवास, भरत मिलन पर दिवाली, लक्ष्मण का मूर्छित प्रसंग भी दिखेंगे ।

दास्तान-ए-राम’ में भरतनाट्यम, कत्थक और छौ का मिश्रण देखने को मिलेगा । इसके अलावा, रावण की सेना में नगालैंड के कलाकार पारंपरिक भाला लेकर लड़ते नजर आएंगे ।

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संगीत-नाटक अकादमी कर रही सहयोग

डेढ़ से दो घंटे की इस ‘दास्तान-ए-राम’ के मंचन में संगीत-नाटक अकादमी सहयोग कर रही है। दिल्ली स्थित श्रीराम सेंटर में 16 अक्तूबर और इलाहाबाद के एनसीजेडसीसी ऑडिटोरियम में 19 अक्तूबर को इसका मंचन होगा। इसके बाद कानपुर, लखनऊ समेत अन्य शहरों में भी दर्शकों को इसे देखने का मौका मिलेगा। इस पूरे मंचन पर आयोजकों का 10 से 12 लाख रुपये खर्च आ रहा है। कुल 40 कलाकार इसमें भाग लेंगे। राम का किरदार अभिनेता संदीप कुमार, सीता की भूमिका जामिया की छात्र शानपा निभाएंगी।

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