Ram Mandir: पुरी के शंकराचार्य ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा पर फिर उठाए सवाल, कहा-कोई भी हमसे टकराने की कोशिश न करे

Ram Mandir : पुरी की गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि राम मंदिर का उद्घाटन शास्त्रीय विधि से नहीं किया जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-12 14:04 IST

puri Shankaracharya raised questions Ram Mandir inauguration  (photo: social media )

Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। इस कार्यक्रम को लेकर पूरे देश में उत्साह और जश्न का माहौल दिख रहा है। दूसरी ओर पुरी की गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि राम मंदिर का उद्घाटन शास्त्रीय विधि से नहीं किया जा रहा है। दोनों शंकराचार्यों ने इस आयोजन में हिस्सा लेने से भी इनकार कर दिया है।

इस बीच शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक बार फिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने 22 जनवरी के आयोजन में सनातन धर्म के नियमों के उल्लंघन की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी हमसे टकराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि हमसे टकराने वाला चूर-चूर हो जाएगा।

हमसे टकराने वाला चूर-चूर हो जाएगा

शंकराचार्य ने पिछले दिनों रतलाम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 22 जनवरी का आयोजन में हिस्सा न लेने की बात कही थी। उनका कहना था कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तब मैं ताली बजाऊंगा क्या? अब उन्होंने एक बार फिर चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि हम लोगों से टकराना उचित नहीं है। व्यास पीठ से टकराने वाला चारों खाने चूर-चूर हो जाता है। हिमालय पर प्रहार करने वाले की मुट्ठी टूट जाती है। हम लोगों में अरबों एटम बम को दृष्टि मात्र से ही नष्ट करने की क्षमता है।

शंकराचार्य ने कहा कि हम चुनाव की प्रक्रिया के जरिए इस पद पर प्रतिष्ठित नहीं हुए हैं। यह जिनकी गद्दी है,उनके द्वारा प्रेरित होकर हम इस पद पर प्रतिष्ठित हुए हैं। इसलिए इस बात को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी हमारा बाल बांका नहीं कर सकता।

गद्दी से खिलवाड़ करने वाला नहीं रहेगा सुरक्षित

शंकराचार्य ने कहा कि मैं जनता को भड़काने का काम नहीं करता बल्कि जनता मेरी वाणी का अनुगमन करती है। अगर इस गद्दी के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की गई तो कोई कितना भी ताकतवर हो,वह सुरक्षित नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि लोकमत, साधु मत और शास्त्र मत सबकुछ हमारे साथ है और इसलिए हम बलवान है। हमें कमजोर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की प्रतिष्ठा शास्त्रीय विधान से नहीं की जा रही है। इसलिए राम मंदिर के उद्घाटन में मेरा भाग लेना उचित नहीं है। मेरे पास एक व्यक्ति के साथ आने का आमंत्रण आया था मगर हम आमंत्रण से नहीं बल्कि कार्यक्रम से सहमत नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि कौन मूर्ति का स्पर्श करें,कौन ना करे,कौन प्राण प्रतिष्ठा करे और कौन ना करे।

पीएम मोदी करने जा रहे हैं बड़ी भूल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि मैं उन्हें तब से जानता हूं जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पूर्व वे मेरे पास आए थे और मुझसे कहा था कि मुझे ऐसा आशीर्वाद दें कि मैं कम से कम भूल कर सकूं मगर अब वे इतनी बड़ी भूल करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देवता में तेज तभी प्रतिष्ठित होता है जब पूरे विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। यदि विधिवत प्रतिष्ठा के बाद आरती या पूजा में विधि विधान का पालन न किया जाए तो देवता का तेज तिरोहित हो जाता है।

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