ताजा रिपोर्ट: यहां मिलती है सबसे ज्यादा सैलरी, सलाना वेतन सुनकर दंग रह जायेंगे
रैंडस्टैड इनसाइट्स सैलरी ट्रेंड्स रिपोर्ट 2019 के मुताबिक देश के सबसे अधिक वेतन दिये जाने वाले शहरों की सूची में बेंगलुरु पहले पायदान पर है। ज्यादा सैलेरी कौन नहीं चाहता। मगर ज्यादा सैलेरी पाने के लिए कई तरह के प्लान और योग्यता भी होनी चाहिए।
नई दिल्ली: रैंडस्टैड इनसाइट्स सैलरी ट्रेंड्स रिपोर्ट 2019 के मुताबिक देश के सबसे अधिक वेतन दिये जाने वाले शहरों की सूची में बेंगलुरु पहले पायदान पर है। ज्यादा सैलेरी कौन नहीं चाहता। मगर ज्यादा सैलेरी पाने के लिए कई तरह के प्लान और योग्यता भी होनी चाहिए।
साथ ही एक चीज और है, वो ये कि आप अपनी योग्यता के मुताबिक सही जगह हों। ताकि आपको अपने टैलेंट के मुताबिक सही वेतन मिल सके। तो हम आपको बतातें हैं कि भारत के किस शहर में सबसे अधिक वेतन मिलता है।
रैंडस्टैड इनसाइट्स सैलरी ट्रेंड्स रिपोर्ट 2019 के मुताबिक देश के सबसे अधिक वेतन दिये जाने वाले शहरों की सूची में बेंगलुरु पहले पायदान पर है।
देश में सबसे ज्यादा वेतन बंगलूरू में काम करने वाले पेशेवरों को मिलता है। यहां जूनियर, मिड लेवल और सीनियर लेवल पर देश के अन्य शहरों के मुकाबले सबसे ज्यादा वेतन दिया जाता है।
रैंडस्टैड इनसाइट सैलरी ट्रेंड रिपोर्ट-2019 के मुताबिक, बंगलूरू में जूनियर स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों का सालाना औसतन सीटीसी 5.27 लाख रुपये है। हैदराबाद इस मामले में 5 लाख रुपये सीटीसी के साथ दूसरे और मुंबई 4.59 लाख रुपये के साथ तीसरे पायदान पर है।
बंगलूरू 2017 और 2018 में भी वेतन भुगतान के मामले में सबसे आगे था। रिपोर्ट में बताया गया है कि बंगलूरू में मिड लेवल के कर्मचारियों को औसतन 16.45 लाख रुपये का सालाना भुगतान होता है। इसके बाद मुंबई (15.07 लाख) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (14.5 लाख) का नंबर आता है।
सीनियर लेवल पर काम करने वालों को बंगलूरू में सबसे ज्यादा औसतन 35.45 लाख रुपये का सालाना भुगतान होता है। वहीं, मुंबई में 33.95 लाख रुपये जबकि पुणे में 32.68 लाख रुपये मिलते हैं।
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डिजिटल मार्केटिंग में सबसे ज्यादा पैसा
सर्वे में बताया गया है कि मौजूदा समय में बदलाव के अनुरूप नए तरह के पेशेवरों की मांग है। सीनियर लेवल पर डिजिटल मार्केटिंग का अनुभव रखने वाले पेशेवरों को औसतन 35.65 लाख रुपये सालाना मिलते हैं।
इसके तहत क्लाउड प्रोडक्ट मैनेजमेंट, एनालिस्ट, एआई और ऑटोमेशन जैसी तकनीकी दक्षता रखने वालों की भारी मांग है। जीएसटी मामलों के विशेषज्ञों, अकाउंटेंट, प्रबंधन सलाहकार और कानूनी परामर्शदाताओं की मांग भी सेवा क्षेत्र में बढ़ती जा रही है। ऐसे पेशेवरों की जूनियर और सीनियर दोनों स्तरों पर काफी जरूरत है।
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