Rajasthan Election Result: गुटबाजी, पेपर लीक, लाल डायरी…जानिए राजस्थान में क्यों फेल हुआ गहलोत का जादू और कायम रहा रिवाज

Rajasthan Election Result: कांग्रेस के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत इस बार राजस्थान में कोई जादू नहीं दिखा सके। कांग्रेस नेताओं का राज्य में पिछले तीन दशकों का रिवाज बदलने का दावा पूरी तरह फेल साबित हुआ। राजस्थान में अशोक गहलोत का जादू तो फेल हो गया मगर मोदी मैजिक का पूरा असर दिखा और भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-12-03 16:35 IST

राजस्थान में कांग्रेस की हार का कारण, गुटबाजी, पेपर लीक, लाल डायरी और अशोक गहलोत, जानें भाजपा की जीत कारण: Photo- Social Media

Rajasthan Election Result: कांग्रेस के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत इस बार राजस्थान में कोई जादू नहीं दिखा सके। कांग्रेस नेताओं का राज्य में पिछले तीन दशकों का रिवाज बदलने का दावा पूरी तरह फेल साबित हुआ। राजस्थान में अशोक गहलोत का जादू तो फेल हो गया मगर मोदी मैजिक का पूरा असर दिखा और भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा पांच साल बाद एक बार फिर राजस्थान की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रही है।

राजस्थान में भाजपा की ओर से इस बार किसी को सीएम चेहरा नहीं घोषित किया गया था और पार्टी पीएम मोदी के नाम और काम के दम पर चुनाव मैदान में उतरी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं के दौरान गुटबाजी, लाल डायरी, पेपर लीक, महिला अपराध और भ्रष्टाचार जैसे बड़े मुद्दों पर गहलोत सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था। पीएम मोदी की ओर से उठाए गए इन मुद्दों को राजस्थान में कांग्रेस की हार का बड़ा कारण माना जा रहा है।

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गहलोत और सचिन पायलट का झगड़ा

कांग्रेस के 2018 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट दो बड़े दावेदार उभरे थे। हालांकि पार्टी हाईकमान ने अशोक गहलोत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सचिन पायलट को डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी किया था। सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम पद की शपथ तो ले ली मगर उनकी कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ट्यूनिंग नहीं बैठ सकी।

2020 में उन्होंने कई अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ गहलोत के खिलाफ बगावत भी की थी। हालांकि प्रियंका गांधी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं के दखल के बाद सचिन पायलट पार्टी में बने रहे मगर उन्होंने बीच-बीच में गहलोत सरकार पर हमले करना जारी रखा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की तमाम कोशिशों के बावजूद दोनों नेताओं के बीच ट्यूनिंग नहीं बैठ सकी। पार्टी में दोनों नेताओं के अलग-अलग गुट बन गए थे और यह गुटबाजी आखिरकार पार्टी को ले डूबी।

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पेपर लीक मामले का असर

राजस्थान में लंबे समय से पेपर लीक मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गले की फांस बना हुआ था और इसे लेकर युवाओं में काफी नाराजगी बताई जा रही थी। भर्ती परीक्षाओं के पेपर लगातार लीक होते रहे और गहलोत सरकार इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी। सचिन पायलट समेत कांग्रेस पार्टी के अन्य नेता भी समय-समय पर पेपर लीक मामले को लेकर सवाल उठाते रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चुनावी सभाओं का दौरान पेपर लीक मामले को काफी जोर-जोर से उठाया। उनका कहना था कि राज्य के बड़े कोचिंग संस्थानों पर छापे मारे जाएं तो पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री के करीबियों का नाम ही सामने आएगा। पेपर लीक मामला भी पार्टी की नैया डूबने में बड़ा कारण माना जा रहा है।

लाल डायरी बन गई मुसीबत

राजस्थान की सियासत में लाल डायरी का मुद्दा लंबे समय से छाया हुआ है। कभी गहलोत के सहयोगी रहे राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी में विधायकों की खरीद फरोख्त का लेखा-जोखा दर्ज होने की बात कही थी। बाद में उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई बार लाल डायरी से जुड़े हुए राज खोले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने लाल डायरी के मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश की।

उन्होंने लाल डायरी के जरिए गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया। पीएम मोदी का कहना था कि लाल डायरी के पन्नों का राज खुलने के साथ ही अशोक गहलोत के चेहरे की हवाइयां उड़ रही हैं। इससे साफ है कि उनके काले कारनामे इस डायरी में दर्ज है। लाल डायरी भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गले की फांस बन गई।

भ्रष्टाचार के मामलों की गूंज

गहलोत के राज में भ्रष्टाचार के मुद्दे की गूंज भी लगातार सुनी गई। अवैध खनन के मामले को लेकर भी सरकार पर लगातार हमले होते रहे। इसके साथ ही पेपर लीक मामले में ईडी की ओर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं के घरों पर छापेमारी भी की गई। हालांकि अशोक गहलोत ने छापेमारी को राजनीति से प्रेरित कदम बताया मगर भ्रष्टाचार के आरोपों से वे अपनी सरकार के दामन को नहीं बचा सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के चुनाव में जगह-जगह भारी मात्रा में रुपए और सोने का ढेर निकल रहा है। प्रधानमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि यह सोना आलू से बना हुआ नहीं है। राजस्थान में लॉकर खुलने के साथ ही लूटा हुआ माल नजर आने लगा है। जब मोदी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करवा रहा है तो गहलोत साहब मुझे कोसने में जुटे हुए हैं। मुझे चाहे जितनी भी गालियां दी जाएं मगर भ्रष्टाचार करने वालों को जेल जाना ही पड़ेगा।

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महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध

राजस्थान में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों को भी भाजपा ने मुद्दा बनाने में कामयाबी हासिल की। राजस्थान में हाल के दिनों में महिलाओं के साथ कई बड़े अपराध हुए जिन्हें लेकर गहलोत सरकार को कठघरे में खड़ा किया गया। पीएम मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं ने महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को भी बड़ा मुद्दा बनाया।

राजस्थान की चुनावी सभा में पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान की स्थिति यह हो गई है कि मंत्री विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को मर्दानगी की संज्ञा दे रहे हैं। ऐसे लोगों ने राजस्थान की महिलाओं के साथ ही मर्दानगी का भी अपमान किया है।

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