Reddy Brothers: लग्जरी लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहने वाले रेड्डी ब्रदर्स का कर्नाटक के इन सीटों पर है मजबूत पकड़

Reddy Brothers: बेल्लारी बंधु अपने अलग ‘लग्जरी लाइफ‘ को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। इनकी राजनीति में भी जबदस्त पकड़ है। इन बेल्लारी बंधुओं के बारे में कई कहानियां भी हैं। जैसे बेटी की शादी में पांच अरब का खर्च हो या 5 साल में 10 लाख की कंपनी को 3 हजार करोड़ की बनाना।

Update:2023-05-09 02:00 IST
रेड्डी ब्रदर्स: Photo- Newstrack

Reddy Brothers: बात साल 1999 की है। जब बीजेपी नेता सुषमा स्वराज एक मुद्दा लेकर पूरे देश में मुखर हो रही थीं। वह मुद्दा था सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने का। सुषमा स्वराज ने यह तय किया था कि जहां से सोनिया गांधी चुनाव लड़ेंगी, वहीं से वो उनके खिलाफ पर्चा भरेंगी। फिर क्या था सोनिया गांधी ने तय किया कि वो कर्नाटक के बेल्लारी लोकसभा से चुनाव लड़ेंगी। सुषमा ने भी यहीं से पर्चा भर दिया। सुषमा चुनाव तो हार गईं, लेकिन उन्हें यहां मिले करुणाकर रेड्डी, जनार्दन रेड्डी और सोमशेखर रेड्डी। ये बेल्लारी बंधु अपने अलग ‘लग्जरी लाइफ‘ को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। इनकी राजनीति में भी जबदस्त पकड़ है। इन बेल्लारी बंधुओं के बारे में कई कहानियां भी हैं। जैसे बेटी की शादी में पांच अरब का खर्च हो या 5 साल में 10 लाख की कंपनी को 3 हजार करोड़ की बनाना, ये तीनों भाई अपनी लग्जरी लाइफ की वजह से पिछले बीस साल से चर्चा में रहते हैं...

कर्नाटक की 40 सीटों पर है प्रभाव-

जनार्दन रेड्डी फिलहाल अपनी पार्टी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) से राज्य के विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि उन्हें भाजपा के सहयोगी के तौर पर देखा जा रहा है। जनार्दन रेड्डी की बेल्लारी और विजयनगर समेत कर्नाटक के कल्याण क्षेत्र की 41 विधानसभा सीटों पर अच्छी पकड़ है।

राजनीति में आने से पहले तक बेल्लारी बंधु खनन की दुनिया में ठेकेदारी का काम करते थे। 1994 के बाद से सरकार ने प्राइवेट खनन करने वालों को भी परमिशन दे दी। जब परमिशन मिला तो बंदरबांट भी हुआ और मांग भी बढ़ी और इन भाइयों ने भी अपना हाथ आजमाना शुरू कर दिया था। पिता आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में पुलिस कॉन्स्टेबल थे तो घर में बहुत पैसा भी नहीं था। इसके बाद जनार्दन रेड्डी ने सबसे पहले खनन की दुनिया में ठेकेदारी का काम शुरू किया। दोनों भाइयों का सहयोग मिला और 1999 आते-आते उनका काम तो ठीक-ठाक हो गया और नाम भी हो गया था।

10 लाख की कंपनी पांच साल में हो गई 3 हजार करोड़ की-

2001 में उन्होंने 10 लाख रुपए लगाकर ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी शुरू की थी। इसके बाद से ही वे कर्नाटक-आंध्र प्रदेश में माइनिंग के बिजनेस में सक्रिय हो गए। इसी बीच 2000 से 2008 के बीच वल्र्ड मार्केट में लौह अयस्क की कीमत करीब तीन गुना बढ़ गई। भारत भी लौह अयस्क के बड़े एक्सपोर्ट्स में शामिल हो गया। इधर रेड्डी ब्रदर्स ने माइनिंग के क्षेत्र में 'कमाल' कर दिया। 5 साल में उनकी दस लाख की कंपनी का टर्नओवर 3 हजार करोड़ रुपए हो गया। रेड्डी बंधुओं पर आरोप था कि 2007 से 2010 के बीच उन उन्होंने 12 हजार करोड़ की कीमत का 29.8 मिलियन टन अवैध लौह अयस्क (आयरन ओर) कर्नाटक से देश के विभिन्न बंदरगाहों पर भेजा था।

लग्जरी लाइफ किसी राजा से कम नहीं है-

कर्नाटक के खनन टाइकून कहे जाने वाले रेड्डी ब्रदर्स में सबसे अधिक चर्चा में रहते हैं तो वे हैं जनार्दन रेड्डी। इनकी की लग्जरी लाइफ किसी राजा से कम नहीं है। वो सोने के शौकीन तो हैं और हीरे जवाहरात से बनी कुर्सी पर बैठते रहे हैं।

इन से करते हैं सवारी-

जनार्दन रेड्डी लग्जरी गाड़ियों के भी शौकीन हैं। इनके पास रोल्स रॉयस, रेंज रोवर, लैंड रोवर, मर्सिडीज बेंज, ऑडी, बीएमडब्ल्यू और एक दर्जन से अधिक स्कॉर्पियो और बोलेरो गाड़ियां हैं। रेड्डी के पास एक कस्टमाइज बस भी है। कहा जाता है कि जब रेड्डी हवाई यात्रा करते हैं तो अपने निजी चॉपर में ही उड़ते हैं जिसका हैलिपैड भी उनके घर के ठीक सामने बना है। जानकारों की मानें तो एक हैलिपैड उनके घर के भीतर भी है।

रेड्डी ब्रदर्स सुषमा को मां कहते थे-

सुषमा स्वराज बेल्लारी से एक बार ही चुनाव लड़ी लेकिन उनका बेल्लारी जाना अक्सर होता था। इसका कारण थे रेड्डी ब्रदर्स। एक बार चुनाव लड़ने के बाद सुषमा स्वराज लगातार 10 साल तक बेल्लारी में वारा महालक्ष्मी की पूजा में जाती थीं। रेड्डी भाई सुषमा को थाई यानी मां कहते थे।

सोने के तार वाले शर्ट पहनते रेड्डी, कीमत 1 लाख

रेड्डी के पास बहुत सारी ऐसी शर्ट्स हैं जिनमें सोने के तार लगे हुए हैं। हर एक शर्ट की कीमत कम से कम 1 लाख रुपए के आसपास बताई जाती है। उनके पास 13 लाख रुपए की रत्नों से जड़ा हुआ बेल्ट था, जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई है। इसे सीबीआई ने जब्त कर लिया था।

रोज 5 करोड़ की कमाई-

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस संतोष हेगड़े 2007 में कर्नाटक के लोकायुक्त थे। रेड्डी बंधुओं द्वारा की जा रही लगातार अनियमितताओं की जांच उनके पास आयी। उन्होने 2011 में रिपोर्ट लगाई कि रेड्डीयों के अवैध खनन से सरकार को 161 अरब रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। बाद में इन्होंने स्वीकारा भी कि अवैध खनन से रोज 5 करोड़ की कमाई की गई। इसके बाद सितंबर 2011 में जनार्दन रेड्डी को सीबीआई ने अरेस्ट कर लिया। बाद में 21 जनवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई।

जनार्दन रेड्डी के पास 2.2 करोड़ का सिंहासन-

2011 में जब सीबीआई ने उनके तीन मंजिला घर पर छापा मारा तो तो घर के भीतर 70 इंच स्क्रीन के सामने स्विमिंग पूल मिला। इसमें नहाते हुए फिल्म देखा जा सकता था। घर में बार, मसाज पार्लर, होम थियेटर और बम शेल्टर जैसी लग्जरी व्यवस्थाएं थीं। उनके घर में प्लेट, कटोरे, चम्मच, कांटे, चाकू, कप, बर्तन और यहां तक कि ऐशट्रे और लाइटर तक सोने के थे, इसकी कीमत 20 लाख आंकी गई।

सीबीआई ने जब रिपोर्ट बनाई तो लिखा कि घर में तकरीबन 30 किलो से ज्यादा वजन का सोना और चांदी मिला। वहीं करीब तीन करोड़ कैश भी बरामद किए गए। सीबीआई को सबसे आकर्षक चीज मिली एक सोने की कुर्सी। बेशकीमती रत्नों और पत्थरों जड़ी हुई एक सिंहासन नुमा कुर्सी। कुर्सी पर लगे हीरे में जीजेआर मोनोग्राम था जिसकी मदद से इस कुर्सी की कीमत 2.2 करोड़ आकीं गई।

घर में मिलीं 1200 सोने की अंगूठियां और प्लैटिनम के गहने-

उनके घर में गले में पहनने वाला पांच हार, कुल 600 से भी ज्यादा सोने की चूड़ियां मिलीं। जिनमें से 35 चूड़ियों में हीरे जड़े थे। 300 के करीब कान में पहनने वाले सोने के आभूषण मिले, जिनमें से 75 में हीरे जड़े थे। 1200 से अधिक अंगूठियां मिलीं। इसके अलावा करोड़ों के प्लैटिनम भी जब्त किये गए। बाद में यह भी पता चला कि जनार्दन रेड्डी ने तिरुपति मंदिर को 43 करोड़ रुपए का एक मुकुट भी दान किया था।

2.5 करोड़ की सोने की मूर्तियों की पूजा-

रेड्डी के पूजा घर में भी कम ‘धन्य धान्य’ नहीं है। पूजा गृह में सोने की भगवान वेंकटेश्वर की एक फुट ऊंची मूर्ति और पद्मावती की छह इंच की मूर्ति बनी हुई हैं। कई अन्य सोने की मूर्तियों वाले इस पूजा घर के देवताओं की कुल कीमत 2.3 करोड़ रुपए आंकी गई थी। पूजा घर में एक किलो वजनी सोने की घंटी भी रखी मिली।

नोटबंदी के बाद पांच अरब में की बेटी की शादी-

अवैध खनन के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद भी जब इन तीन भाइयों में से जनार्दन रेड्डी जेल में थे, तब भी इनका काफी दबदबा था। उनकी असाधारण जीवनशैली ने देश के लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था। हद तो तब हो गई जब 2016 में जेल से छूटते ही उन्होंने अपनी बेटी की शादी की तैयारी शुरू की।

40 महीने जेल में काटने के बाद जनार्दन रेड्डी की 21 वर्षीय बेटी ब्रह्माणी की आलीशान शादी एक राजनीतिक उद्देश्य से भरी हुई बताई जाती है। वो इस विवाह के माध्यम से बताना चाहते थे कि फिर से राजनीति करने को तैयार हैं और ऐसा हुआ भी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनार्दन रेड्डी ने अपनी बेटी की शादी में 500 करोड़ रुपए खर्च कर डाले। पांच दिन तक चले इस शादी समारोह में सोने का कार्ड छपा और 50 हजार गेस्ट बुलाए गए। इसमें ब्राजील से सांबा डांसर बुलाए गए थे।

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