Lok Sabha: ‘हम केवल रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले लोग हैं', आखिर संसद में रेल मंत्री ने क्यों कही ये बात
Ashwini Vaishnaw: रेल मंत्री के भाषण के दौरान कांग्रेस सहित अन्य विरोध दल बीते कुछ महीनों में रेल हादसों को लेकर सदन में हंगामा कर रहे थे और रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
Ashwini Vaishnaw: रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस द्वारा रेलवे और रेल हादसों को लेकर उठाए गए सवालों का एक एक करके जवाब दिया। रेल मंत्री रेलवे में किए जा रहे सुधारों और लोको पायलट को लेकर बनाई गई व्यवस्था के बारे में सदन को बता रहे थे, तभी किसी विपक्षी सांसद ने उन्हें रील मंत्री कहकर ताना मारा दिया। यह सुनते ही रेल मंत्री सांसद पर भड़क गए और विपक्षी सांसद को कड़ी फटकार लगाते हुए चुन बैठने रहने की हिदायत तक दे डाली।
रेल ने कांग्रेस के आरोपों का दिया जवाब
रेल मंत्री के भाषण के दौरान कांग्रेस सहित अन्य विरोध दल बीते कुछ महीनों में रेल हादसों को लेकर सदन में हंगामा कर रहे थे और रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम केवल रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले लोग हैं। रेल हादसों को लेकर विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जताते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जो लोग यहां चिल्ला रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि सत्ता में रहते हुए 58 साल में वो एक किलोमीटर भी ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) क्यों नहीं लगा पाए? हंगामा होते देखे रेल मंत्री ने कहा कि चुप बैठ जाइए, बैठिए. कुछ भी बोलते हैं। ये क्या तरीका है, कुछ भी बीच में बोल देते हैं।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज ये सवाल उठाने की हिम्मत कर रहे हैं, जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं तो हादसा आंकड़ा 0.24 से घटकर 0.19 हो जाने पर यही लोग सदन में ताली बजाते थे। आज जब रेल हादसा दर 0.19 से घटकर 0.03 हो गया तो ये इस तरह का दोष लगाते हैं।
अश्विनी वैष्णव ने स्पीकर से पूछा कि क्या ये देश ऐसे चलेगा? रेल मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सोशल मीडिया की ट्रोल आर्मी के जरिए झूठ फैलाती है। उन्होंने कहा, "अयोध्या में स्टेशन की एक पुरानी दीवार गिरी तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के हैंडल से उसे तुरंत उठाना चालू किया। इस तरह के झूठ से कैसे देश चलेगा। दो करोड़ पैसेंजर्स डेली यात्रा करते हैं। क्या उनके मन में ये भय भरना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि हादसों को रोकने के लिए पूरे देश में मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग कर दी गई है। स्टेशंस का पूरा कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के माध्यम से होता है।
बताया रेल का विकास
उन्होंने कहा कि 2014 में सरकार में आने के बाद हमने 2015 में एटीपी डेवलप करने का संकल्प लिया और 2016 में कवच के ट्रायल्स शुरू हुए। कोविड के बावजूद 2020-21 में इसके एक्सटेंडेट ट्रायल्स हुए, तीन मैन्युफैक्चरर्स को चिह्नित किया और और 2023 में तीन हजार किलोमीटर का प्रोजेक्ट रोलआउट हुआ और आज हम उस स्थिति में है कि दो मैन्युफैक्चरर्स जुड़ने वाले हैं। हमने आठ हजार से अधिक इंजीनियर्स को प्रशिक्षित किया है।
कवच लागू करने पर कही ये बात
सदन को रेल मंत्री ने बताया कि आज हम 9000 किलोमीटर के टेंडर इन प्रॉसेस हैं और कुछ ही महीनों में पांच हजार लोकोमोटिव्स पर ये लगना शुरू हो जाएगा। हमारा करीब करीब 70 हजार किलोमीटर का रेल नेटवर्क है। उससे आधे नेटवर्क वाले देशों ने करीब-करीब 20 साल लगाए एटीपी इंस्टाल करने में। इतना भरोसा दिलाना चाहूंगा कि कवच को इंस्टाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।