भोले के भक्तों के लिए खुशखबरी, अब ऐसे सिर्फ 1 दिन में पूरी होगी मानसरोवर यात्रा

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से लिपुलेख तक भारत ने 80 किलोमीटर की सड़क बना डाली है।  इससे कैलाश मानसरोवर की यात्रा अब  21 दिन की जगह केवल एक दिन में पूरी हो जाएगी। कुछ दिन पहले कालापानी लिपुलेख को नेपाल ने अपने मैप में शामिल कर लिया ।

Update: 2020-05-27 03:31 GMT

पिथौरागढ़ शिवभक्तों के लिए खुशखबरी है। अब मानसरोवर यात्रा आसान हो गई है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से लिपुलेख तक भारत ने 80 किलोमीटर की सड़क बना डाली है। इससे कैलाश मानसरोवर की यात्रा अब 21 दिन की जगह केवल एक दिन में पूरी हो जाएगी। कुछ दिन पहले कालापानी लिपुलेख को नेपाल ने अपने मैप में शामिल कर लिया । भारत और नेपाल सीमा पर लिपुलेख और कालापानी पर चल रहे विवाद के बीच इस कदम से लोगों में खुशी है।

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युद्ध स्तर पर काम

जहां स्थानीय लोगों में उत्साह और खुशी है, तो वहीं पड़ोसी मुल्क नेपाल में परेशानी है। इस सड़क से भारतीय सेना की आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी। कुछ ही दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सड़क का शुभारंभ किया था, जिसके बाद अब इस सड़क को पक्का करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। इस सड़क के निर्माण से स्थानीय लोग खुश नजर आ रहे हैं क्योंकि इससे सीमा से लगे गांवों की आवाजाही आसान हो गई है।

इसके साथ ही सेना भी बॉर्डर पर आसानी से आ जा सकती है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस रोड से उनके व्यापार में आसानी होगी। इधर नेपाल लिपुलेख और कालापानी पर अपने अधिकार की बात कर रहा है, क्योंकि 1816 की सुगौली संधि के दौरान काली नदी को ही सीमा रेखा मान लिया गया था। इसके बाद से अब तक कोई भी संदेह इस जमीनी विवाद को लेकर नहीं था।

 

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मगर चीन के साथ से नेपाल ने अपने नक्शे में भारतीय क्षेत्र में आने वाली जगह पर अपना कब्जा और अपनी जमीन होने की बात करनी शुरू कर दी है। इस वजह से दोनों देशों के बीच के मधुर संबंध कड़वाहट में बदल गए हैं। लेकिन भारत भी इस मुद्दे पर अटल है और किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटने वाला हैं।

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