सरकार का बड़ा एलान: इस दिन से खुलेंगे सभी धार्मिक स्थल, इनका करना होगा पालन

बड़े ट्रस्ट के अधीन चलने वाले मंदिरों की हालत तो कुछ ठीक थी लेकिन बाकी धार्मिक स्थलों को बेहद मुश्किल दौर से ग़ुज़रना पड़ा। पूजारियों को घर-परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया। न तो भक्त मंदिर पहुंच रहे थे और न ही पूजारी किसी के घर जा रहे थे।

Update: 2020-10-07 10:48 GMT
सरकार का बड़ा एलान: इस दिन से खुलेंगे सभी धार्मिक स्थल, इनका करना होगा पालन

झारखंड: मार्च महीने से लेकर अबतक झारखंड के सभी धार्मिक स्थल बंद रहे। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरिजाघर के दरवाज़े बंद होने से लोग घरों में ही पूजा-पाठ कर रहे थे। हालांकि, कोर्ट के दख़ल के बाद देवघर स्थित बाबाधाम को सीमित दायरे में खोला गया। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के आदेश के बाद 8 अक्टूबर से झारखंड के सभी धार्मिक स्थल खोलने का आदेश जारी किया गया है। सरकार के इस निर्णय से लोग खुश तो हैं लेकिन ज्यादातर लोगों का कहना है कि, सरकार को इसका निर्णय और पहले लेना चाहिए था। सरकारी आदेश के मुताबिक सभी धार्मिक स्थलों में सरकार द्वारा जारी SOP का पालन करना अनिवार्य होगा।

सरकार का निर्णय स्वागत योग्य, मंदिर प्रबंधन ने ली राहत की सांस

राजधानी रांची स्थित शिव मंदिर में सैंकड़ों की संख्या में लोग पूजा-पाठ के लिए पहुंचते थे। लाक डाउन की वजह से मंदिर का पट बंद रहा। दरवाज़े पर बोर्ड लगा है कि, कोविड-19 के कारण प्रवेश निषेध है। मंदिर के पूजारी पंडित आशुतोष मिश्रा कहते हैं कि, लाक डाउन के कारण मंदिर का खर्च चलाना काफी मुश्किल हो गया। बड़े ट्रस्ट के अधीन चलने वाले मंदिरों की हालत तो कुछ ठीक थी लेकिन बाकी धार्मिक स्थलों को बेहद मुश्किल दौर से ग़ुज़रना पड़ा। पूजारियों को घर-परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया। न तो भक्त मंदिर पहुंच रहे थे और न ही पूजारी किसी के घर जा रहे थे। आशुतोष मिश्रा की मानें तो सरकार को धार्मिक स्थल खोलने का निर्णय और पहले लेना चाहिए था। सरकार के SOP के तहत मंदिर संचालित करना भी खर्चीला होगा।

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दरगाह ट्रस्ट को अक़ीदतमंदों का इंतज़ार, सरकार के फैसले से खुशी

रांची के रिसालदार बाबा की मज़ार पर वैसे तो हर रोज़ सैंकड़ों की तादाद में अक़ीदतमंद पहुंचते थे लेकिन इन दिनों वहां सन्नाटा पसरा है। मज़ार के ख़ादिम मोहम्मद इरफान बताते हैं कि, लाकडान में भी दरगाह की साफ-सफाई हो रही थी लेकिन बाबा के चाहने वाले पहुंच नहीं पा रहे थे। सरकार के आदेश के बाद सभी गतिविधियां चल रही हैं तो सिर्फ मज़हबी एदारों को बंद रखना मुनासिब नहीं है। उन्होने कहा कि, अब जो भी अक़ीदतमंद बाबा के दरबार में हाज़िरी लगाने पहुंचेंगे उन्हे ज्यादा देर दरगाह परिसर में नहीं रहने दिया जाएगा। सरकार के निर्देशों का हर हाल में पालन करना है।

घर-परिवार भी चलाना हुआ मुश्किल

आम तौर पर धार्मिक स्थलों के आस-पास पूजा-पाठ की सामाग्री बेचने की दुकानें होती हैं। मंदिर-मस्जिद आने वाले लोगों से ही उनकी आमदनी होती है। लिहाज़ा, मज़हबी एदारों के बंद होने से ऐसे दुकानदारों के सामने भी घर-परिवार चलाना मुश्किल हो गया। रिसालदार बाबा की मज़ार परिसर में दुकान चलाने वाले मोहम्मद सरफ़राज़ कहते हैं कि, अचानक लाकडान होने से दुकान में रखा सामान बर्बाद हो गया। रोज़ी-रोटी का एक ही ज़रिया होने की वजह से घर-परिवार को मुश्किल दौर देखना पड़ा। अब उम्मीद है कि, धार्मिक स्थल खुल जाने से मुश्किल कम होगी। बस और ट्रेन सेवा पूरी तरह से बहाल हो जाने पर अक़ीदतमंदों के आने का सिलसिला और तेज़ पकड़ेगा।

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अक़ीदतमंदों में भी खुशी का माहौल

मंदिर-मस्जिद बंद होने से मज़हबी ख्याल के लोग ज्यादा परेशान थे। अक़ीदतमंदों की मांग थी कि, सरकार जल्द से जल्द मज़हबी एदारों को खोले। लोग घरों से बाहर निकलेंगे तो ऊपर वाले को याद करेंगे। उनकी तक़लीफ़े कम होंगी। उन्हे बीमारियों से निजात मिलेगा। घर-परिवार को सुकून मिलेगा। रांची के रहने वाले और रिसालदार बाबा की दरगाह में हर रोज़ हाज़िरी लगाने वाले मोहम्मद मोईन कहते हैं कि, सरकार ने सही फ़ैसला लिया है।

झारखंड में कोरोना महामारी की स्थिति

झारखंड में 06 अक्टूबर 2020 तक कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 88 हज़ार 873 है। हालांकि, इसमें 78 हज़ार 89 मरीज़ ठीक भी हुए हैं। 757 लोगों की कोरोना वायरस की वजह से मौत हुई है। सिर्फ राजधानी रांची में 128 लोगों की जान गई है। आंकड़ों से साफ है कि, अभी कोविड-19 का ख़तरा टला नहीं है। ऐसे में सरकार भी फूंक-फूंक कर क़दम उठा रही है। इसी कड़ी में धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया गया है।

रिपोर्ट- शाहनवाज़, रांची

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