बंद होंगे धार्मिक स्कूल: शिक्षा मंत्री का बड़ा ऐलान, जल्द होगा ये काम

देश में बहुत सी चीजे बदल रही हैं। चाहे वो किसी शहर का नाम हो या किसी जगह का नाम हर चीज बदल रहा है। अब इसी को देखते हुए खबर आ रही है कि असम सरकार ने राज्य में सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद करने का फैसला किया है।

Update:2020-02-13 15:59 IST

गुवाहाटी: देश में बहुत सी चीजे बदल रही हैं। चाहे वो किसी शहर का नाम हो या किसी जगह का नाम हर चीज बदल रहा है। अब इसी को देखते हुए खबर आ रही है कि असम सरकार ने राज्य में सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद करने का फैसला किया है। असम राज्य में चल रहे सभी धार्मिक स्कूलों को हाई स्कूल और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में बदला जाएगा। असम सरकार इस काम को एक महीने के अंदर पूरा करेगी।

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असम के शिक्षा मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि हमने सभी मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को हाई स्कूल और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में बदलने का फैसला किया है। सरकार ने इस फैसले के पीछे फंड न दे सकने का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक संस्थानों को फंड नहीं दे सकती है। वैसे तो, गैर सरकारी संगठनों और सामाजिक संगठनों द्वारा संचालित मदरसे जारी रहेंगे, लेकिन इनके लिए भी नियम तैयार किए जाएंगे।

अन्य भाषा की पढ़ाई कराने का काम सरकार का नहीं है

हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, 'किसी भी मदरसे या संस्कृत स्कूल में धार्मिक उद्देश्यों के लिए धर्म, धार्मिक शास्त्र, अरबी या फिर कोई अन्य भाषा की पढ़ाई कराने का काम सरकार का नहीं है। अगर कोई गैर सरकारी संगठन या सामाजिक संगठन इन स्कूलों के लिए फंड की व्यवस्था करता है तो मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है।' उन्होंने कहा कि लेकिन इन गैर सरकारी संस्थानों को भी एक नियम के मुताबिक ही ऐसे स्कूलों को चलाने का अधिकार दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मदरसों में कुरान को पढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से धन दिया जाता है तो हमें गीता, बाइबिल भी सिखानी होगी।

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उन्होंने साफ किया कि इस तरह धार्मिक उद्देश्य के लिए चलाए जाने वाले स्कूलों के लिए सरकार फंड नहीं देगी इसलिए इन्हें बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मदरसों और संस्कृत स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी। इन शिक्षकों को घर बैठे सेवानिवृत्त होने तक वेतन दिया जाएगा। इसी के साथ इन शिक्षकों को सामान्य स्कूलों में पढ़ाने का भी मौका दिया जाएगा।

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