Indian Citizenship: क्यों देश छोड़ रहे अमीर लोग, लाखों की संख्या में त्यागी भारतीय नागरिकता
Indian Citizenship: दुनिया के 100 से अधिक देशों में भारतीय जा-जाकर बस रहे हैं। इसकी पुष्टि खुद केंद्र सरकार ने की है।
Indian Citizenship: भारतीय नागरिकों का अन्य देशों में पलायन तेजी से बढ़ा है। रोजी-रोजगार और अच्छी लाइफस्टाइल के लिए लोग अपने वतन की नागरिकता त्यागने के लिए तैयार हैं। ऐसे लोगों की संख्या हजारों में नहीं बल्कि लाखों में है। दुनिया के 100 से अधिक देशों में भारतीय जा-जाकर बस रहे हैं। इसकी पुष्टि खुद केंद्र सरकार ने की है। गुरूवार को राज्यसभा में इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन सभी भारतीयों का आंकड़ा पेश किया जो पिछले 12 सालों में भारत की नागरिकता छोड़ अन्य देशों की नागरिकता को अपनाया है।
विदेशी मंत्री जयशंकर के मुताबिक, पिछले 12 सालों में 16 लाख से अधिक भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़कर दूसरे देश की सिटिजनशिप ले ली। 2011 के बाद से भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की कुल संख्या 16,63,440 है। 2015 के बाद से सिटिजनशिप छोड़ने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। हालांकि, बीच में साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण इस रफ्तार में कुछ गिरावट आई।
नागरिकता छोड़ने वालों का आंकड़ा
जयशंकर के लिखित जवाब के अनुसार, 2011 में 1,22,819, 2012 में 1,20,923, 2013 में 1,31,405, 2014 में 1,29,328, 2015 में 1,31,489, 2016 में 141603, 2017 में 133049, 2018 में 134561, 2019 में 144017, 2020 में 85256, 2021 में 163370 और 2022 में 225620 भारतीयों ने नागरिकता त्यागी।
विदेश मंत्री ने उन 135 देशों की सूची भी उपलब्ध कराई है जिनकी नागरिकता भारतीयों ने ली है। जिन देशों की नागरिकता भारतीयों ने ली है उनमें अमेरिका, स्पेन, ब्रिटेन, रूस जैसे देशों के साथ ही वो देश भी शामिल हैं, जहां पर या तो गंभीर आर्थिक संकट है या वहां गृह युद्ध जैसे हालत बने हुए हैं, जैसे पाकिस्तान, इराक, यमन और सूडान और युगांडा।
अमीर लोग छोड़ रहे देश
भारत के लिए पलायन इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि ज्यादातर तौर पर संपन्न लोग देश छोड़कर जा रहे हैं। लोगों को दूसरे देशों की नागरिकता और वीजा दिलाने वाली ब्रिटेन स्थित इंटरनेशनल कंपनी हेनली एंड पार्टनर्स का कहना है कि गोल्डन वीजा यानी निवेश के जरिए किसी देश की नागरिकता हासिल करने वालों में भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कंपनी ने एक आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि नागरिकता हासिल करने संबंधी नियमों के बारे में पूछताछ करने वालों में भारतीयों की संख्या में 54 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हेनली ने पिछले साल जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि इस साल 8000 ms अधिक भारतीय करोड़पति विदेश में बसने की तैयारी कर रहे हैं।