लालू दरबार हुआ हवाः बंगले से पहुंच गए पेइंग वार्ड, राजनीति गरमाई
लालू को केली बंगला से पेइंग वार्ड में शिफ्ट किए जाने को लेकर सत्ताधारी राजद ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि, कोरोना वायरस को देखते हुए लालू प्रसाद को केली बंगला में रखा गया था। इसके पीछे कोई स्पेशल ट्रीटमेंट की बात नहीं थी।
रांची: चारा घोटाले में सज़ायाफ्ता लालू प्रसाद यादव रिम्स के केली बंगला से पेइंग वार्ड में शिफ्ट करा दिए गए हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए उन्हे 5 अगस्त 2020 को पेइंग वार्ड से रिम्स निदेशक के केली बंगला में शिफ्ट किया गया था। केली बंगला की आबो हवा लालू को रास भी आ रही थी लेकिन इस बीच कथित तौर पर एक फोन कॉल ने राजद सुप्रिमो को दोबारा पेईंग वार्ड पहुंचा दिया है।
लालू को शिफ्ट करने से पहले रिम्स निदेशक और जेल अधीक्षक ने पेइंग वार्ड का जायज़ा लिया। लालू को पेइंग वार्ड के फर्स्ट फ्लोर के कमरा नंबर ए 11 में रखा गया है। लालू इससे पहले भी इस कमरा में रह चुके हैं। इस बीच लालू प्रसाद को लेकर बिहार और झारखंड की सियासत भी गरमा गई है। भाजपा और राजद आमने सामने है।
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लालू पर सियासत
लालू प्रसाद को केली बंगला से पेइंग वार्ड में शिफ्ट किए जाने को लेकर सत्ताधारी राजद ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता स्मिता लकड़ा ने कहा कि, कोरोना वायरस को देखते हुए लालू प्रसाद को केली बंगला में रखा गया था। इसके पीछे कोई स्पेशल ट्रीटमेंट की बात नहीं थी। अब कोविड 19 के मामलों में कमी आई है। लिहाज़ा, राजद अध्यक्ष को दोबारा पेइंग वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
प्रदेश प्रवक्ता की मानें तो जब से झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनी है भाजपा की राजनीति लालू प्रसाद के इर्द-गिर्द घूम रही है। दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने लालू को पेइंग वार्ड में शिफ्ट किए जाने को सत्य की जीत बताया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि, भाजपा के लगातार दबाव के आगे झारखंड सरकार को झुकना पड़ा और मेहमान नंबर लालू को पेइंग वार्ड भेजना पड़ा। उन्होने कहा कि, वो दिन दूर नहीं जब लालू प्रसाद यादव होटवार जेल में वापस जाएंगे।
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लालू की ज़मानत पर सुनवाई
27 नवंबर का दिन लालू प्रसाद के लिए बेहद खास रहने वाला है। दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की ज़मानत याचिका पर सुनवाई है। झारखंड हाईकोर्ट में होने वाली इस सुनवाई में अगर राजद अध्यक्ष को बेल मिल जाता है तो लालू के बाहर निकलने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस मामले में सुनवाई की तारीख़ 6 नवंबर मुकर्रर थी लेकिन सुनवाई की अगली तारीख 27 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी गई थी। दुमका ट्रेजरी मामले में लालू को सबसे अधिक 07 साल की सज़ा सुनाई गई थी। लालू प्रसाद ने इस केस में आधी सज़ा काट ली है। अन्य मामलों में भी आधी सज़ा पूरा कर लेने के आधार पर ज़मानत मिल चुकी है।
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लालू को लेकर पीआईएल
लालू को लेकर जारी राजनीति के बीच झारखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दाख़िल की गई है। याचिका में डीजीपी, जेल आईजी और संबंधित अधिकारियों को पार्टी बनाया गया है। दूसरी तरफ जेल आईजी के निर्देश के बाद रांची उपायुक्त ने जेल अधीक्षक को पूरे मामले की जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है।
रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट