Jaipur-Mumbai Train Firing: ट्रेन में गोलीबारी, लगा मानो कसाब आ गया है

Jaipur-Mumbai Train Firing: आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह को अपने एएसआई टीकाराम मीणा और तीन अन्य यात्रियों असगर अब्बास शेख (48), अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानपुरावाला (64) और सैय्यद सैफुल्लाह की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

Update: 2023-08-02 05:07 GMT
Jaipur-Mumbai Train Firing (photo: social media )

Jaipur-Mumbai Train Firing: जयपुर - मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आरपीएफ कॉन्स्टेबल की फायरिंग और चार लोगों की हत्या की घटना से ट्रेन के एक कोच अटेंडेंट बुरी तरह हिल गए हैं।

ट्रेन के कोच बी 5 के 41 वर्षीय अटेंडेंट कृष्ण कुमार शुक्ला के शब्दों में : जब मैंने उसे (कॉन्स्टेबल चेतन सिंह) ट्रेन के अंदर राइफल के साथ देखा तब मुझे अजमल कसाब की याद आ गई थी।

आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह को अपने एएसआई टीकाराम मीणा और तीन अन्य यात्रियों असगर अब्बास शेख (48), अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानपुरावाला (64) और सैय्यद सैफुल्लाह की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

ट्रेन के भीतर हुए हत्याकांड के गवाह अटेंडेंट कृष्ण कुमार शुक्ल ने कहा, मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला राजस्थान के भवानी मंडी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में चढ़े। चूँकि वह अक्सर ट्रेन में यात्रा करते थे सो हम एक-दूसरे से परिचित थे।रविवार शाम लगभग 7 बजे, उन्होंने मुझसे उनके और उनके आस-पास के अन्य यात्रियों के लिए चाय लाने का अनुरोध किया, तो मैं एक स्टेशन पर उतर गया और उनके लिए चाय लेकर आया।

शुक्ला ने कहा कि बी5 का कोच अटेंडेंट होने के नाते उसे कोच बी5 और बी4 के बीच सोना था, लेकिन चूंकि वह अस्वस्थ था और जल्दी सोना चाहता था, इसलिए उसने अपनी सीट बदल ली। उसने दवा ली और बी5 और बी6 के बीच वाली अटेंडेंट सीट पर सोने चला गया। “अचानक सुबह करीब 5 बजे एक तेज आवाज सुनकर मेरी नींद खुल गई। मैं उठा और बी5 की जांच करने गया। वहां मैंने देखा कि चेतन सिंह हाथ में राइफल लेकर खड़ा था और मीणा खून से लथपथ नीचे पड़े हुए थे। शुक्ला ने कहा, "कुछ देर बाद, सिंह बी4 की दिशा में चला गया। मैं भी उसके पीछे भाग। इस बीच कोच में दरवाजे के पास सो रहा एक यात्री दौड़कर मेरे पास आया और कहा कि एक आरपीएफ कर्मी ने दूसरे को गोली मार दी है। यात्री ने यह भी कहा कि आरपीएफ के दोनों जवान काफी देर से एक-दूसरे से बहस कर रहे थे, जिसके बाद उनमें से एक ने दूसरे को गोली मार दी।"

दरवाजा बंद कर दिया

शुक्ला के अनुसार खतरे को देखते हुए उसने और कुछ यात्रियों ने बी 6 और बी 5 के बीच का दरवाजा बंद कर दिया। शुक्ला ने कहा - चूंकि मैं बी5 का अटेंडेंट था, मैं दरवाजे के पास खड़ा था और अपने कोच पर नजर हुए था।थोड़ी देर बाद, मैंने सिंह को मीणा के शव के पास लौटते देखा, और वह लगभग पांच मिनट तक वहीं खड़ा रहा।" अटेंडेंट ने कहा कि सिंह फिर बी 4 की ओर गया, इस दौरान उसने भानपुरवाला की हत्या कर दी और पैंट्री कोच में मोइनुद्दीन और कोच एस 6 में शेख को गोली मार दी।

शुक्ला ने कहा, "जैसे ही वह दूसरी बार बी5 से बाहर निकला, मैंने एक अन्य आरपीएफ कर्मी को सूचित करने के लिए फोन किया, जिसने फिर ट्रेन पर मौजूद एक अन्य आरपीएफ कांस्टेबल अमय आचार्य को सूचित किया, जिन्होंने मुझसे संपर्क किया।।आचार्य पैंट्री कोच के पास थे, मुझे वहां बुला रहे थे, लेकिन मैं बहुत डर रहा था। मैं बी6 में रुका और बाद में बी5 में गया, जहां मैंने मीणा का शव फर्श पर देखा।'

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