Mohan Bhagwat: भागवत का ज्ञानवापी पर बड़ा बयान, रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना?

RSS Chief Mohan Bhagwat Statement: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना झगड़ा क्यों बढाना।

Update: 2022-06-02 17:56 GMT

RSS Chief Mohan Bhagwat Statement Photo - Social Media

RSS Chief Mohan Bhagwat Statement: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Masjid controversy) को लेकर इन दिनों देश में नया सियासी बवंडर आया हुआ है। कुछ लोग इस पूरे विवाद को मंदिर आंदोलन 2.0 (Temple Movement 2.0) भी कह रहे हैं। वहीं कुछ मुस्लिम नेताओं का भी मानना है कि ये सबकुछ आरएसएस की शह पर हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पहली बार ज्ञानवापी प्रकरण पर खुलकर बोला है। नागपुर में गुरूवार शाम आरएसएस के एक कार्यक्रम में बोलते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि ज्ञानवापी एक इतिहास है, जिसे हम बदल नहीं सकते हैं। आज के हिंदू और मुसलमानों ने इसे नहीं बनाया है।

भागवत ने आगे कहा कि रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना ? झगड़ा क्यों बढाना। वो भी एक पूजा है, जिसे उन्होंने अपनाया है, वो यहीं के मुसलमान हैं। उनकी पूजा पद्धति बेशक बाहर से आई है मगर वह भी एक पूजा पद्धति है जिसे उन्होंने अपनाई है। उन सबके पूर्वज भी हमारे ऋषि – मुनि और क्षेत्रिय ही हैं। संघ प्रमुख का यह कथन निश्चित तौर पर बीजेपी के उन नेताओं और हिंदू संगठनों के लिए एक बड़ा संदेश है ,जो इसे लेकर आर – पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं।

मथुरा को लेकर इशारों में कह दी बड़ी बात

ज्ञानवापी प्रकरण पर अन्य भगवा नेताओं से बिल्कुल अलग राय रखकर सबको चौंकाने वाले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कुछ ऐसा भी कहा है, जिसके कई नितिहार्थ निकाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम आक्रमणकारियों के जरिए भारत में आया और लोगों का मनोहल तोड़ने के लिए हजारों देवस्थान तोड़े गए। हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचता है मगर उसे लगता है कि इनका पुनुरुद्धार होना चाहिए।

हिंदुओं का मनोबल तोड़ने के लिए ऐसे देवस्थानों को भी तोड़ा गया, जिनमें हिंदू समाज की विशेष श्रद्धा है। इसलिए वह इसका पुनुरुद्धार चाहते हैं। ऐसे में मुसलमानों को यह बिल्कुल नहीं मानना चाहिए कि यह उनके विरूद्ध है। मिल –बैठ कर के सहमति से कुछ रास्ता निकालना चाहिए। मगर हर बार रास्ता नहीं निकलता है तो अदालत जाते हैं। फिर अदालत जो निर्णय दे उसे मानना चाहिए।

संघ नहीं करेगी कोई मंदिर आंदोलन

ज्ञानवापी और मथुरा प्रकरण (mathura episode) में संघ के शामिल होने के कयासों को विराम लगाते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हमने 9 नवंबर को ही कह दिया था कि राम मंदिर आंदोलन के बाद हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे। मगर मुद्दे मन में हैं तो उठते हैं। ऐसा कुछ है तो आपस में मिल –जुलकर मुद्दा सुलझाया जाना चाहिए। 

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