लॉकडाउन के बीच संघ की नई रणनीति, कुटुंब शाखा में स्वयंसेवकों का कीर्तिमान
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने रविवार की शाम कुटुंब शाखा लगाकर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने रविवार की शाम कुटुंब शाखा लगाकर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। कुटुंब शाखा के लिए रविवार की शाम 5:00 बजे से 5:30 बजे तक का समय तय किया गया था। लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए संघ के स्वयंसेवकों ने अपने- अपने घरों में परिजनों के साथ प्रार्थना की। शुरुआती जानकारी के अनुसार इसमें 50 लाख परिवारों के तीन करोड़ लोगों के हिस्सा लेने की बात सामने आई है। हालांकि माना जा रहा है कि संख्या में और बढ़ोतरी भी हो सकती है।
भैय्याजी जोशी ने की थी अपील
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने सभी स्वयंसेवकों से रविवार की शाम 5:00 बजे से 5:30 बजे तक प्रार्थना में शामिल होने का आह्वान किया था। जानकारों का कहना है कि कोरोना संकट के कारण संघ की मैदानी शाखाएं नहीं लग पा रही है और संघ ने अपने स्वयंसेवकों को गतिशील बनाए रखने के लिए कुटुंब शाखा आयोजित करने की अपील की थी।
संघ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ
जानकारों का कहना है कि संघ संघ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सभी स्वयंसेवकों ने अपने-अपने घरों में पारिवारिक सदस्यों के साथ संघ की प्रार्थना में हिस्सा लिया। संघ से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि यह अस्थायी व्यवस्था है। कोरोना का संकट खत्म होने के बाद जैसे ही स्थितियां सामान्य होंगी, फिर से पहले की तरह मैदानी शाखाओं का आयोजन शुरू कर दिया जाएगा।
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कुटुंब शाखा की रिपोर्ट तैयार कर रहा संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से कुटुंब शाखा के बारे में एक-एक परिवार की रिपोर्ट जुटाने की तैयार की जा रही है। संघ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बाबत पूरी रिपोर्ट सोमवार तक मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झारखंड के सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने बताया कि संघ कुटुंब शाखा के जरिए परिवारों में संस्कारों को पुनर्जीवित करने की कोशिश में जुटा है। संघ का मानना है कि ऐसा करने से व्यक्ति और चरित्र निर्माण की प्रक्रिया निर्बाध गति से चलती रहेगी।
कुटुंब शाखा से मिला संघ को फायदा
उन्होंने कहा कि कुटुंब शाखा के आयोजन का संघ को फायदा भी मिला है। घर की महिलाओं और बच्चों को भी संघ को नजदीक से जानने का मौका मिला है। जो बच्चे अभी तक कभी संघ की शाखा में नहीं गए थे, उन्होंने भी रविवार की शाम संघ की कुटुंब शाखा में सक्रियता से पूरी भागीदारी की। ऐसे आयोजन से संघ को अपने उद्देश्यों की पूर्ति में मदद मिलेगी।
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स्वयंसेवकों को सक्रिय बनाने की रणनीति
जानकारों का कहना है कि कोरोना से जंग को कामयाब बनाने के लिए इस समय देश में लंबा लॉकडाउन घोषित है और ऐसे दिनों में संघ अपने स्वयंसेवकों को सक्रिय बनाए रखना चाहता है। लॉकडाउन की इस अवधि के दौरान संघ की ओर से गरीबों को मदद और भोजन पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों का मानना है कि स्वयंसेवकों को इस जंग में विजय हासिल करने के लिए आगे आना होगा।
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