दोस्त रूस ने चीन का दिया साथ, इस मुद्दे पर भारत से अपनाया अलग रूख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच इस महीने बातचीत हुई थी। इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को जी-7 सम्मेलन के लिए न्योता दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को जी-7 में शामिल करने की भी इच्छा जताई है।

Update: 2020-06-11 14:49 GMT

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच इस महीने बातचीत हुई थी। इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को जी-7 सम्मेलन के लिए न्योता दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को जी-7 में शामिल करने की भी इच्छा जताई है। जी-7 समूह में शामिल होने को लेकर भारत ने सकारात्मक संकेत दिए हैं।

भारत के पुराने दोस्त रूस ने अलग रूख अपना लिया है और उसने इसे चीन को अलग-थलग करने की रणनीति बताया है। रूस ने भारत से अलग रूख अपनाते हुए चीन की तरफदारी की है।

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रूस के फेडरेशन काउंसिल इंटरनेशनल अफेयर कमिटी के मुखिया और सांसद कॉन्सटैनटिन कोसाचेव ने कहा कि रूस अमेरिका के जी-7 में शामिल होने के प्रस्ताव को लेकर उत्सुक नहीं है और वह चीन को निशाना बनाने की मंशा से बनाए गए किसी समूह या गुट का हिस्सा नहीं बनना चाहता है।

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बता दें कि पीएम मोदी से बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 का विस्तार कर रूस और भारत को भी इसमें शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। भारत के विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, पीएम मोदी ने ट्रंप से बातचीत में कहा था कि कोरोना संकट के बाद नई वैश्विक व्यवस्था में फोरम का विस्तार आवश्यक है।

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जी-7 में शामिल होने पर भारत और रूस का रूख एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के जी-7 को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, जबकि रूस ने इसकी मंशा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। रूस का कहना है कि अमेरिका सिर्फ चीन को अलग-थलग करने के मकसद से ऐसा कर रहा है।

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