S. Jaishankar : 'बॉर्डर के हालात तय करेंगे आपसी रिश्ते', पाकिस्तान और चीन को विदेश मंत्री जयशंकर की खरी-खरी

S. Jaishankar News: भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा है कि, सीमा पर हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं। जब तक बॉर्डर पर शांति नहीं होगी, तब तक हमारे बीच रिश्ते अच्छे नहीं होंगे।

Update:2023-06-28 22:08 IST
विदेश मंत्री जयशंकर (Social Media)

S. Jaishankar News: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने बुधवार (28 जून) को अपने दोनों पड़ोसी चीन और पाकिस्तान और चीन (S Jaishankar on China and Pakistan) के साथ संबंधों को लेकर बड़ी बात कही। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, सीमा के हालात दोनों देशों के रिश्ते तय करेंगे। एस. जयशंकर ने कहा, 'जब तक सीमा पार आतंकवाद (Cross Border Terrorism) में कोई बदलाव नहीं होता। तब तक पाकिस्तान के साथ संबंध अच्छे नहीं होंगे। 'ड्रैगन' के साथ संबंधों को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, आज भी चीन बॉर्डर पर स्थिति सामान्य नहीं है।'

एस जयशंकर ने अपने पड़ोसी मुल्कों को लेकर ये बातें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने कहा, 'चीन के साथ भारत के रिश्ते फिलहाल अच्छे नहीं हैं। किसी भी संबंध की डोर उसकी 'फीलिंग' पर टिकी होती है। उस रिश्ते में सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच जो भी समझौते हुए थे, हमारे बीच जो सहमति बनी थी, उसमें दरार आने के बाद हमारे रिश्ते खराब हुए। जब तक वहां शांति कायम नहीं होगी, तब तक रिश्ते नहीं सुधरेंगे।'

एस. जयशंकर- अमेरिका के साथ हमारे संबंध काफी अच्छे

गौरतलब है कि, चीन को लेकर एस. जयशंकर ने ये बातें पहली बार नहीं कही है। पहले भी वो कई बार कह चुके हैं। चीन के साथ रिश्तों पर भारतीय विदेश मंत्री ने कई बार कहा है कि, संबंध तभी मधुर होंगे जब सीमा पर हालात बेहतर होंगे। चीन और पाकिस्तान के अलावा जयशंकर ने रूस (Russia) और अमेरिका (America) के साथ भारत के संबंधों को लेकर बात की। उन्होंने कहा, 'अमेरिका के साथ हमारे संबंध काफी अच्छे हैं।'

SCO मीटिंग में पाक की आलोचना की थी

याद दिला दें, '4 और 5 मई को गोवा में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) की विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश एस जयशंकर ने 'आतंकवाद' के मुद्दे पर पाकिस्तान की तल्ख़ शब्दों आलोचना की थी।' बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) ने भी शिरकत की थी। बिलावल ने परोक्ष रूप से भारत पर आरोप लगाया था कि, राजनयिक लाभ (Diplomatic Advantage) के लिए आतंक को हथियार बनाने के चक्कर में नहीं रहना चाहिए।'

'पाक आतंकवाद की इंडस्ट्री'

पाक विदेश मंत्री के बयान पर एस जयशंकर ने साफ-साफ कहा था कि, 'आतंकवाद के पीड़ित, आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए 'आतंकवाद के अपराधियों' के साथ नहीं बैठते हैं। इसी के साथ, विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को 'आतंकवाद की इंडस्ट्री' और बिलावल भुट्टो को इसका प्रमोटर बताया था।'

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