Sahitya Akademi Award 2024 : हिन्दी लेखिका गगन गिल सहित 21 भाषाओं के रचनाकारों को मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार

Sahitya Akademi Award 2024 : साहित्य अकादमी ने 21 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को वर्ष 2024 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने का ऐलान किया है।;

Newstrack :  Network
Update:2024-12-18 19:06 IST

Sahitya Akademi Award 2024 : साहित्य अकादमी ने 21 भाषाओं के रचनाकारों को वर्ष 2024 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने का ऐलान किया है। हिन्दी के लिए प्रतिष्ठित कवियित्री गगन गिल और अंग्रेजी के लिए ईस्टरीन को यह पुरस्कार दिया जाएगा।

जानिए किसे किस भाषा में मिला पुरस्कार

भाषा  - पुस्तक एवं विधा - लेखक

1. असमिया - फरिंगबोर बटोर कथा जने (कविता) - समीर तांती

2. बोडो - सोराने थखाय (उपन्यास) - अरन राजा

3. अंग्रेजी - स्पिरिट नाइट्स (उपन्यास) - ईस्टरिन किरे

4. गुजराती - भगवान-नी वातो (कविता) - दिलीप झावेरी

5. हिंदी - मैं जब तक आयी बाहर (कविता) - गगन गिल

6. कन्नड - नुडिगाला अलिवु (आलोचना) - के.वी. नारायण

7. कश्मीरी - साइकेट्रिक वार्ड (उपन्यास) - सोहन कौल

8. कोंकणी - रंगतरंग (निबंध) - मुकेश थली

9. मैथिली - प्रबन्ध संग्रह (निबंध) - महेन्द्र मलंगिया

10. मलयालम - पिंगलकेशिनी (कविता) - के. जयकुमार

11. मणिपुरी - मैनू बोरा नुंग्शी शिरोल (कविता) - हाओबम सत्यबती देवी

12. मराठी - विंदांचे गद्यरूप (आलोचना) - सुधीर रसाल

13. नेपाली - छिचिमिरा (कहानी) - युवा बराल

14. ओड़िया - भूति भक्ति बिभूति (निबंध) - वैष्णव चरण सामल

15. पंजाबी - सुन गुणवंता सुन बुद्धिवंता इतिहासनामा पंजाब (कविता) - पॉल कौर

16. राजस्थानी - गांव अर अम्मा (कविता) - मुकुट मणिराज

17. संस्कृत - भास्करचरितम् (कविता) - दीपक कुमार शर्मा

18. संताली - सेचड सावंता रेन अधा मनमी (नाटक) - महेश्वर सोरेन

19. सिंधी - पूर्जा (कहानी) - हूंदराज बलवाणी

20. तमिल - तिरुनेलवेली एजुकियम वा. वू. सी. यम 1908 (शोध) - ए आर वेंकटचलपति

21. तेलगु - दीपिक (साहित्यिक आलोचना) - पेनुगोंडा लक्ष्मी नारायण

साहित्य अकादमी ने कहा कि पुरस्कारों को साहित्य अकादमी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया, जिसकी अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में बैठक हुई। ये पुरस्कार पांच वर्षों (1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 के बीच) के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों से संबंधित हैं।

बताया जा रहा है कि लेखकों और कवियों को 8 मार्च, 2025 को एक पुरस्कार समारोह में एक पट्टिका, एक शॉल और 1 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। बंगाली, डोगरी और उर्दू भाषा के पुरस्कारों की घोषणा बाद में की जाएगी। 

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