साहित्य अकादमी: आम सभा में यूपी से चुने गए हिंदी के दो विद्वान

साहित्य अकादमी की आम सभा में उत्तर प्रदेश के दो और विद्वानों को जगह मिली है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो चितरंजन मिश्र को आ

Update: 2017-12-20 13:51 GMT
साहित्य अकादमी: आम सभा में यूपी से चुने गए हिंदी के दो विद्वान

लखनऊ:साहित्य अकादमी की आम सभा में उत्तर प्रदेश के दो और विद्वानों को जगह मिली है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो चितरंजन मिश्र को आम सभा का सदस्य चुना गया है। मिश्र महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व प्रतिकुलपति भी रह चुके हैं। इसके अलावा बुन्देलखण्ड विवि, झांसी के कुलपति प्रो सुरेन्द्र दुबे को भी इस महत्वपूर्ण आम सभा का सदस्य चुना गया है। गौरतलब है कि सुरेंद्र दुबे भी इसी विभाग के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। दोनों का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा ।

साहित्य अकादमी की आम सभा पंचानवे सदस्यों की होती है है जिसमें सभी राज्यों की सरकारों द्वारा नामित व्यक्ति भी सदस्य होते हैं। इस बार उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ सरकार की तरफ तरफ से इसी विभाग के पूर्व अध्यक्ष तथा संप्रति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति प्रो सुरेंद्र दुबे नामित किए गए हैं ।

इसके अतिरिक्त देश के सभी विश्वविद्यालयों से नामित व्यक्तियों की सूची में से 20 विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि भी चुने जाते हैं । इसी श्रेणी में प्रो चितरंजन मिश्र का चयन का चयन हुआ है ।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि के कुलपति ने कहा गर्व का विषय

कुलपति प्रो विजयकृष्ण सिंह ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की है कि इससे विवि की प्रतिष्ठा में श्रीवृद्धि होगी तथा इनके अनुभव से अकादमी भी समृद्ध होगी। विश्वविद्यालय और विशेषकर यहां के हिंदी विभाग के लिए यह गौरव का विषय है कि इस समय देश और प्रदेश मैं साहित्य की सर्वाधिक प्रतिष्ठित संस्थाओं के प्रमुख इसी विभाग से हैं ।

साहित्य अकादमी: आम सभा में यूपी से चुने गए हिंदी के दो विद्वान

अत्यंत महत्वपूर्ण होती है आम सभा

इसके अतिरिक्त राज्यों की विभिन्न अकादमियों तथा विभिन्न भाषाओं की अकादमियों के प्रतिनिधि भी आम सभा के सदस्य होते हैं और भारत के राष्ट्रपति भी 8 विद्वानों को इसकी सदस्यता के लिए नामित करते हैं। साहित्य अकादमी की आम सभा अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि साहित्य अकादमी पुरस्कार हेतु चयन यही करती है । प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष हैं। अगली आमसभा और भी महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यही अकादमी के अगले अध्यक्ष का भी चुनाव करेगी चुनाव करेगी ज्ञातव्य है कि प्रो विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का कार्यकाल आगामी फरवरी माह में समाप्त हो रहा है।

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