UP News: पुरानी फाइल से! एक लाख करोड़ की सर्व शिक्षा योजना की शुरुआत इसी माह

UP News: इस माह उत्तर प्रदेश सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये की सर्व शिक्षा योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत सरकार उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में नए स्कूल बनाएगी और मौजूदा स्कूलों को मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस किया जाएगा।

Update:2023-05-10 21:23 IST
 Sarva Shiksha Abhiyan (SOCIAL MEDIA)

Sarva Shiksha Abhiyan: मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा एक लाख करोड़ रुपये खर्च वाली अपनी अति महत्वकांक्षी सर्व शिक्षा योजना को इसी माह हरी झंडी दिखाई जायेगी। प्रारंभिक शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने वाली इस योजना पर एक लाख करोड़ रुपये की धनराशि अगले इस वर्ष में व्यय की जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा क्षेत्र की सभी मौजूदा योजनाओं व कार्यक्रमों को समाकलित करते हुए इस योजना की रुपरेखा तैयार की गई है। इस योजना के तहत वर्ष 2003 तक स्कूल छोड़ चुके सभी बच्चों को स्कूल में वापस लाने तथा सन् 2010 तक 6 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

योजना को अमली जामा पहनाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री मनोहर जोशी की अध्यक्षता में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की एक समिति का गठन किया गया है। समिति इस अभियान की समीक्षा भी करेगी। गौरतलब है कि इस समय हमारे देश में लगभग बीस करोड़ बच्चे 6 से 14 वर्ष के बीच के हैं। उसमें मात्र 14 करोड़ बच्चो ही स्कूल जा पाते हैं। शेष बच्चों में 3.5 करोड़ लड़कियां व 2.5 करोड़ लड़के स्कूल नहीं जा पाते। हमारे यहां प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर नामांकन प्रतिशत मात्र 66 है जबकि प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर यह घटकर मात्र 43 फीसदी रह जाता है।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत इन स्थितियों में सुधार लाया जाएगा। इसके लिए सैकिया समिति की सिफारिशों को लागू करेन के साथ ही यह तय किया गया है कि समग्र तथा अभिसारी माध्यम से प्रांरभिक शिक्षा के सर्वसुलभीकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए मात्र नामांकन के बजाए बच्चों को स्कूल में बनाए रखने पर बल देना होगा।

असेवित बस्तियों के लिए शिक्षा आश्वासन केंद्र और दस से 14 वर्ष आयु वर्ग के स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए वापस स्कूल चलों शिविर लगाए जाऐंगे। इस योजना के केंद्र में शैक्षिक रुप से पिछड़े राज्यों के बजाय शैक्षिक रुप से पिछड़े जिलों को रखा गया है। यह कार्यक्रम चार वर्गों के प्रति केंद्रित होगा। इनमें अध्यापन व बाल शिक्षा से जुड़े सभी व्यक्ति ,छात्रों के माता-पिता विशेषकर अशिक्षित माता-पिता, सामुदायिक विचारधारा के निर्माता तथा नीति निर्माता व जन प्रतिनिधि शामिल हैं।

सर्व शिक्षा अभियान की सफलता को सुनिश्चित करेन के लिए प्रत्येक 40 छात्रों पर एक अध्यापक नियुक्त किया जाएगा। प्रत्येक अध्यापक को एक कक्ष प्रदान किया जाएगा। दो प्राथमिक स्कूलों पर एक उच्च प्राथमिक स्कूल खोला जाएगा। प्रत्येक उच्च प्राथमिक स्कूल पर एक प्राध्यापक की नियुक्ति की जाएगी। जिन जिलों में बालिका साक्षरता की दर कम है, उनमें कमजोर तबके की बालिकाओं को छात्रवृत्ति योजना और मुफ्त पोशक योजना के माध्यम से स्कूलों में बने रहने के लिए आकर्षित किया जाएगा। ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों के बच्चों के लिए स्कूलों में खेल सामग्री की भी व्यवस्था की जाएगी। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के प्रत्येक बच्चे को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। इस योजना की सफलता के लिए यह निर्धारित किया गया है कि किसी भी क्षेत्र की आबादी के एक किलोमीटर की परिधि में प्राथमिक या वैकल्पिक विद्यालय जरुर खोला जाएगा।


(मूल रूप से दैनिक जागरण के नई दिल्ली संस्करण में दिनांक- 05 जुलाई, 2000 को प्रकाशित)

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